हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने में दो बार त्रयोदशी की तिथि पड़ती है। जी हाँ और एक तिथि शुक्ल पक्ष की होती है तो दूसरी कृष्ण पक्ष में पड़ती है। ऐसे में आप सभी को हम यह भी बता दें कि हर महीने की दोनों त्रयोदशी तिथि भगवान भोलेनाथ को ही समर्पित होती है। जी हाँ और इस दिन भक्त भगवान भोलेनाथ के लिए पूरे विधि-विधान से व्रत रखते हैं पूजा-अर्चना करते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को रखने से शिव जी प्रसन्न होते हैं भक्तों के जीवन को सुख-शांति से भर देते हैं। इसी के साथ ऐसा कहा जाता है कि जो श्रद्धालु नियम निष्ठा से इस प्रदोष व्रत को रखते हैं। भोलेनाथ उनके सभी कष्टों को दूर कर देते हैं। अब आज हम आपको बताते हैं इस दिन के रखे जाने वाले व्रत की तिथि, शुभ मुहूर्त के बारे में बताते हैं।
प्रदोष व्रत की तिथि- आप सभी को बता दें कि वैशाख के महीने में इस बार कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 28 अप्रैल को है। 28 अप्रैल को गुरुवार का दिन होने की वजह से इसे गुरु प्रदोष व्रत कहा जाएगा। जी हाँ और इस दिन प्रदोष मुहूर्त में ही पूजा की जाएगी।
वहीं ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 28 अप्रैल को रात 12 बजकर 23 मिनट पर प्रारंभ हो रही है। जो 29 अप्रैल को 12 बजकर 26 मिनट तक रहेगी। वहीं उदयातिथि की मान्यता के अनुसार, प्रदोष व्रत 28 अप्रैल को रखा जाएगा। इस दिन ही भगवान आशुतोष की पूजा अर्चना की जाएगी। इसी के साथ इस दिन की पूजा का मुहूर्त शाम 6 बजकर 54 मिनट से रात 09 बजकर 04 मिनट तक है।