पाकिस्तान के जेलों में बंद भारतीय नागरिकों की रिहाई के लिए मुंबई के एक एक्टिविस्ट ने आवाज उठाई। मुंबई के एक्टिविस्ट ने सोमवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से अपील की है। इसमें कहा है कि देश के जेलों में लंबे समय से बंद 245 भारतीय मछुआरों की तुरंत रिहाई कराई जाए। ट्वीट में एक्टिविस्ट व पत्रकार जतिन देसाई ने कहा है कि इन कैदियों ने पहले ही लंबी सजा काट ली है लेकिन अब भी जेल में ही बंद हैं।
देसाई ने अपने ट्वीट में विदेश मंत्री एस. जयशंकर को भी टैग किया और कहा, ‘2018 में 14 लोगों ने अपनी सजा पूरी कर ली, 2019 में 151 लोगों की सजा पूरी हुई और 2020 में 80 लोगों ने सजा पूरी की लेकिन इन सबकी रिहाई अभी बाकी है।’ अपनी पूरी सजा काटने के बाद भी ये मछुआरे जेल में बंद हैं जो अमानवीय है। दोनों देशों को एक दूसरे के कैदियों की रिहाई कर देनी चाहिए जिन्होंने अपनी सजा पूरी कर ली है।
नवीनतम आंकड़ों के अनुसार करीब 625 मछुआरे अब भी पाकिस्तान की जेल में हैं और करीब 80 पाकिस्तानी मछुआरे भारत की जेल में सजा काट रहे हैं। 4 फरवरी को नानू राम कमालिया नामक मछुआरे की पाकिस्तान की लांडी जेल में मौत हो गई थी और उसका मृतक शरीर दो माह बाद 4 अप्रैल को वाघा बार्डर के जरिए भारत पहुंचा। वहां से अंतिम संस्कार के लिए शव को गुजरात भेजा गया। दोनों पक्षों के एक्टिविस्ट की ओर से नियमित तौर पर सरकार से अपील की जा रही है ताकि पकड़े गए मछुआरों की रिहाई हो सके।