पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अफगानिस्तान से अंतरराष्ट्रीय सैनिकों की वापसी को लेकर आगाह करते हुए रविवार को कहा कि यह जल्दबाजी में लिया जा रहा एक अविवेकपूर्ण फैसला है, जिसके दुष्परिणाम हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि इससे संकटग्रस्त अफगानिस्तान के लिए समस्याएं बढ़ भी सकती हैं।
दैनिक समाचार पत्र डॉन के मुताबिक इमरान खान ने कहा, “अफगानिस्तान और तालिबान के नेतृत्व के बीच शांति वार्ता की शुरुआत करवाना एक बहुत ही कठिन काम था लेकिन हम यह कराने में कामयाब हुए। यह सभी पक्षों की ओर से दिखाए गए साहस और धैर्य के कारण संभव हो पाया है।”
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा कि अंतर-अफगान वार्ता की शुरुआत करने से पहले अफगानिस्तान की सरकार और तालिबान के बीच कैदियों के आदान-प्रदान को लेकर सहमति बनी है जोकि एक सराहनीय कदम है। अफगानिस्तान के लोग लंबे समय से शांति की मांग कर रहे हैं और दोनों पक्षों की ओर से उठाया गया यह एक बेहतर कदम है।
इमरान खान ने कहा, “अफगानिस्तान में गृह युद्ध की समाप्ति के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय वहां शांति स्थापित करने के लिए क्या कदम उठाएगा यह बहुत ही महत्वपूर्ण है। अफगानिस्तान में ऐसी परिस्थितियां बनाई जाएं ताकि पाकिस्तान समेत दुनिया के कई अन्य देशों में रह रहे अफगानिस्तान के शरणार्थी नागरिक सम्मान के साथ अपने देश लौट सकें।”
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गौरतलब है कि अमेरिका समेत अन्य नाटो देश अफगानिस्तान से अपने सैनिकों की पूरी तरह से वापसी की योजना पर काम कर रहे हैं। कतर की राजधानी दोहा में अंतर-अफगान शांति वार्ता चल रही है। जिसमें तालिबान और अफगान सरकार के अलावा अमेरिका के प्रतिनिधि भी हिस्सा ले रहे हैं।