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अब चाणक्य नीति से सिखेंगे मैनेजमेंट, इलाहाबाद विवि ने MBA सिलेब्स में शामिल की भगवत गीता

Allahabad University included Bhagwat Geeta in MBA Syllabus: इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने शैक्षणिक सत्र 2023 से पांच वर्षीय एकीकृत बीबीए (बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातक) और एमबीए (बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में परास्नातक) बीबीए-एमबीए पाठ्यक्रम शुरू किया है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इलाहाबाद विश्वविद्यालय में वाणिज्य संकाय द्वारा शुरू किए गए इस नए इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट कोर्स में में छात्र भगवद गीता, रामायण, उपनिषदों के साथ-साथ चाणक्य के माध्यम से प्रबंधन मंत्र सीखेंगे।

टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रबंधन के छात्र पहली बार जेआरडी टाटा, अजीम प्रेमजी, धीरूभाई अंबानी, नारायण मूर्ति, सुनील मित्तल और बिड़ला जैसे शीर्ष उद्योगपतियों के स्मार्ट प्रबंधकीय निर्णयों का अध्ययन करेंगे। इसके अलावा उन्हें अष्टांग योग भी सिखाया जाएगा। इससे छात्रों में विपरीत परिस्थितियों में भी शांत रहने का गुण विकसित होगा।

विश्वविद्यालय के संकाय ने 26 छात्रों के साथ पाठ्यक्रम शुरू किया है और इसमें 10 सेमेस्टर होंगे जो 220 क्रेडिट के होंगे। इस कोर्स के लिए मल्टीपल एंट्री-एग्जिट सिस्टम लागू किया गया है। जिसका मतलब है कि अगर कोई पहले साल में पढ़ाई छोड़ता है, तो उसे एक साल का सर्टिफिकेट, दूसरे साल में डिप्लोमा, तीसरे साल में बीबीए की डिग्री और पांचवें साल में एमबीए की डिग्री मिलेगी।

पाठ्यक्रम समन्वयक शेफाली नंदन ने बताया कि इस कोर्स के सभी छात्रों को भारतीय प्रबंधन विचार और प्रथाओं के साथ उनके पेपर में आध्यात्मिकता और प्रबंधन, सांस्कृतिक लोकाचार, मानवीय मूल्य और प्रबंधन, अष्टांग योग, जीवन का समग्र दृष्टिकोण, ध्यान और तनाव के साथ-साथ जीवन कैसे संवारे जैसे सभी महत्वपूर्ण विषयों का पारंपरिक अध्ययन प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा इस नए कोर्स में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और स्टार्टअप मैनेजमेंट को भी प्रमुखता से जगह दी गई है

छात्रों को भारतीय प्रबंधन विचार और प्रथाओं के पेपर में आध्यात्मिकता और प्रबंधन, सांस्कृतिक लोकाचार, अष्टांग योग, मानवीय मूल्य और प्रबंधन, जीवन का समग्र दृष्टिकोण और ध्यान और तनाव आदि के बारे में बताया जाएगा। इसके साथ विषय का पारंपरिक अध्ययन तो होगा ही।

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