Bihar MLC Chunav 2022: बिहार विधान परिषद में स्थानीय प्राधिकार कोटे की 24 सीटों के लिए हुए उप चुनाव के दौरान ही कई सीटों पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की अंदरुनी रस्साकशी सामने आने लगी थी। कई सीटों पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) और जनता दल यूनाइटेड (JDU) के कार्यकर्ता बंटे दिखे तो कई जगह पार्टियों को अपने ही कार्यकर्ताओं की बगावत का सामना करना पड़ा। बिहार विधान परिषद के चुनाव परिणाम (Bihar MLC Election Result) के बाद जेडीयू का गुस्सा खुलकर सामने आ रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के करीबी नेताओं ने एमएलसी चुनाव में बीजेपी की वजह से नुकसान होने की बात कह दी है।
एकजुटता दिखती तो जीतते और सीटें
जेडीयू के वरिष्ठ नेता व ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव (Bijendra Prasad Yadav) ने शुक्रवार को कहा कि एनडीए की एकजुटता दिखती तो विधान परिषद चुनाव के परिणाम कुछ और होते। और अधिक सीटों का लाभ होता। बिजेंद्र यादव ने कहा कि बिहार बीजेपी के कुछ नेताओं के अकारण बयानबाजी और बड़बोलेपन से मतदाताओं के बीच भ्रम की स्थिति पैदा हो गई। उन्हें लगने लगा कि एनडीए में सबकुछ ठीक नहीं है। पूर्व में भी एनडीए को इस वजह से चुनाव में मनवांछित परिणाम नहीं हासिल हुआ था। अगर एकजुटता है तो दिखनी भी चाहिए।
- एनडीए की एकजुटता दिखती तो परिषद चुनाव के परिणाम कुछ और होते : बिजेंद्र
- ऊर्जा मंत्री ने कहा कि प्रदेश बजेपी के बड़बोले नेताओं के बयान से भ्रम पैदा हुआ
उन्होंने कहा कि गाहे-बगाहे प्रदेश भाजपा के नेता कुछ न कुछ बयान देते रहते हैं। इससे लोगों में सही संदेश नहीं जाता है। भ्रमित हो जाते हैं लोग। बिजेंद्र ने कहा कि गठबंधन में गठबंधन धर्म का महत्व है। कोई दल छोटा या बड़ा नहीं होता है। इसका मतलब साफ है कि बिहार में एनडीए का आधार ही विकास है। पर स्थिति यह है कि कुछ कम अनुभवी नेता यूं कह लीजिए कि अनुभवहीन लोग प्रति दिन कुछ न कुछ बोलते रहते हैं। यह एनडीए के हित में नहीं। इससे घाटा हो रहा है।