महामारी कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के मद्देनजर जेलों में बंद कैदियों की मुलाकात परिवार वालों से नहीं हो पा रही है. मंगलवार को आगरा पहुंचे उत्तर प्रदेश कारागार विभाग के महानिदेशक आनंद कुमार ने बताया कि काफी दिनों मुलाकात बंद होने से बंदी अवसाद में आ गए हैं. उन्होंने कहा कि जेल में जल्द मुलाकात दोबारा शुरू की जाएगी. डीजी जेल के मुताबिक दिवाली के आसपास अपनों से मुलाकात शुरू हो सकती है. डीजी ने कहा कि बंदियों की मुलाकात को कुछ दिशा निर्देश के साथ खोलने की योजना है. इसे लेकर जल्द ही शासन स्तर पर बैठक की जायेगी. इससे पहले महानिदेशक आनंद कुमार ने आगरा सेंट्रल जेल का निरीक्षण किया.
डीजी आनंद कुमार ने सेंट्रल जेल के अधिकारियों से कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए किए इंतजाम की जानकारी ली. अधिकारियों ने बताया कि बाहर से आने वाले बंदियों को एंटीजन टेस्ट कराया जाता है. आगरा सेंट्रल जेल में वर्तमान में विधायक विजय मिश्रा, पूर्व विधायक अशोक चंदेल और एमएलसी कमलेश पाठक निरुद्ध हैं. विधायक विजय मिश्रा को एक सप्ताह पहले ही चित्रकूट की जेल से शासन के निर्देश पर यहां स्थानांतरित किया गया है.
तिनका तिनका फाउंडेशन द्वारा किए गए अध्ययन से पता चलता है कि कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन के दौरान राज्य की जेलों में फोन-कॉल का अनुपात कम से कम तीन गुना बढ़ गया है. इसके परिणाम बताते हैं कि गौतमबुद्ध नगर जिला जेल में हर रोज कैदियों के लिए आने वाले फोन कॉल की संख्या सर्वाधिक है. फांउडेशन की विज्ञप्ति के अनुसार इस अध्ययन में प्रदेश की पांच प्रमुख जेलों के 15 हजार 790 बंदियों के फोन कॉल संबंधी आंकड़ों को शामिल किया गया है, जिन्हें प्रदेश के जेल विभाग से प्राप्त किया गया.
इन जेलों में नैनी (केंद्रीय जेल), लखनऊ (जिला जेल), आगरा (जिला जेल), गाजियाबाद (जिला जेल) और गौतम बुद्ध नगर (जिला जेल) शामिल हैं. तिनका तिनका फाउंडेशन की संस्थापक वर्तिका नन्दा के अनुसार जेलों में फोन की यह सुविधा जेल सुधार की दिशा में एक कारगर कदम है. उन्होंने कहा कि जेलों में अब संवाद की एक नई परंपरा बन रही है, जिससे जेलों में सुधार लाने और उन्हें मानवीय बनाने में मदद मिलेगी. गौरतलब है कि लॉकडाउन में कैदियों से उनके परिजनों की मुलाकात पर रोक के बाद से उत्तर प्रदेश की 69 जेलों में बंदियों के लिए फोन की निशुल्क सुविधा शुरु कर दी गई है.