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हर नागरिक पर है 1 लाख का कर्ज, डिप्टी CM ने दी जानकारी

इस समय हिमाचल प्रदेश का मानसून सत्र चल रहा है। इस दौरान राज्य के डिप्टी CM मुकेश अग्निहोत्री ने ऐसी जानकारी सदन के सामने रखी जिससे हर कोई चौंक गया। दरअसल, डिप्टी CM ने विधानसभा सत्र के दौरान बताया कि राज्य के हर नागरिक के ऊपर 1 लाख 2 हजार 818 रुपये का कर्ज है।

उन्होनें राज्य के वित्तीय हालात को देखते हुए सिलसिलेवार तरीके से कई आंकड़े रखे और राज्य को कर्ज में डुबोने के लिए पूर्व की भाजपा सरकार को दोषी ठहराया। इस पर विधानसभा में मौजूद भाजपा विधायकों ने हंगामा करना शुरू कर दिया।

राज्य के हर नागरिक पर 1 लाख का कर्ज
मानसून सत्र के दौरान राज्य के डिप्टी CM की ओर से वित्तीय स्थिति का आंकड़ा सदन में रखा गया। रिपोर्ट के मुताबिक जब प्रदेश की जयराम सरकार के सत्ता छोड़ा तो उस समय हिमाचल पर 76,630 करोड़ रुपए का कर्ज था। वहीं, पूर्व सरकार ने राज्य पर कुल 92,774 करोड़ की कुल देनदारियां छोड़ी। आज हर व्यक्ति पर 1 लाख 2 हजार 818 करोड़ का कर्ज है।

5वां सबसे बड़ा कर्ज में डूबा राज्य है हिमाचल
डिप्टी CM ने बताया कि RBI की 2022-23 की रिपोर्ट के मुताबिक हिमाचल सबसे ज्यादा कर्ज ग्रस्त सूची में पांचवें नंबर पर है। यह बहुत ही चिंता का विषय है। बड़े राज्य और छोटे राज्यों में पांचवें स्थान पर पहुंच गए हैं। डिप्टी सीएम ने कहा कि एक बात स्पष्ट है कि पूर्व भाजपा सरकार ने वित्तीय प्रबंधन को लेकर कोई कदम नहीं उठाए। संसाधन जुटाने में असफल रही है।

पूर्व सरकार ने छोड़ी 92,774 करोड़ की देनदारी
उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार ने 10,600 करोड़ के महंगाई भत्ते संशोधित वेतनमान की देनदारियां उनकी सरकार पर अलग से छोड़ी। इसमें से 10000 करोड़ संशोधित वेतनमान के और 600 करोड़ महंगाई किस्त के है। कुल मिलाकर पूर्व सरकार ने 92,774 करोड़ की देनदारियां मौजूदा सरकार पर छोड़ी हैं।

पिछली सरकार ने चुनावी साल में 16,261 करोड़ रुपए की उधारी जुटाई। उन्होंने कहा यह चुनाव लड़ने का साल था, उस साल में वित्तीय प्रबंधन जिस तरह से किया गया, उससे सारे प्रदेश का वित्तीय संतुलन बिगड़ गया।

5262 करोड़ सिर्फ ब्याज चुकाने पर खर्च
डिप्टी सीएम ने कहा कि प्रदेश सरकार के बजट का एक बड़ा हिस्सा कर्ज और इसका ब्याज चुकाने में लग रहा है। स्थिति यह है कि अगर पुराने कर्ज को चुकाना है तो वित्तीय वर्ष 2023-24 के अनुमान के अनुसार इसके लिए 9048 करोड़ चाहिए। इसमें 3486 करोड़ कर्ज और 5262 करोड़ कर्ज का ब्याज का चुकाने के लिए चाहिए। मुकेश अग्निहोत्री जब अपनी रिपोर्ट सदन में पेश कर रहे थे इसको लेकर विपक्ष ने सदन में हंगामा किया। इस पर डिप्टी सीएम ने कहा कि इनकी करतूत बाहर आ रही है इसलिए वे सुन नहीं पा रहे हैं।

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