भारतीय रिज़र्व बैंक दुनिया का सबसे बड़ा बैंक है. भारतीय रिज़र्व बैंक ने मौद्रिक नीति समीति MPC के साथ बैठक की हैं. जिसमें रेपो रेट पर कोई भी बदलाव नहीं करने का फैसला लिया है. आपको बता दें कि, RBI MPC ने लगातार तीसरी बार बैठक में ब्याज दरों को स्थिर रखा. बढ़ती महंगाई दर के बीच अर्थशास्त्री भी इसी बात की उम्मीद कर रहे थे. जानकारों का कहना है कि आरबीआई ने उम्मीद के अनुसार ही फैसला लिया है. मौद्रिक नीति समीति ने महंगाई की जगह अर्थव्यवस्था में वृद्धि को तवज्जो दिया है. इससे यह भी संकेत मिलता है कि महंगाई बढ़ने का मुख्य कारक सप्लाई साइड है. तरलता को लेकर आरबीआई का उदार रवैया यह सुनिश्चित करेगा कि मौजूदा रिकवरी में पैसों की कमी नहीं होगी.शुक्रवार को तीन दिवसीय बैठक के बाद आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, ‘आरबीआई ने लगातार तीसरी बार ब्याज दरों को स्थिर रखा है. बेंचमार्क लेंडिंग रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है. यह 4 फीसदी की दर पर कायम है.’
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एफडी निवेशकों का यह फायदा-
आरबीआई द्वारा इस फैसले के बाद अब रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट क्रमश: 4 फीसदी और 3.35 फीसदी की दर पर बरकरार हैं. नीतिगत ब्याज दरों में कोई भी बदलाव नहीं होना फिक्स्ड डिपॉजिट के जरिए बचत करने वालों के लिए अच्छी खबर है. बैंक आगे भी एफडी पर ब्याज दर घटाने का फैसला नहीं लेंगे. भारतीय स्टेट बैंक ने सितंबर 2020 के बाद से एफडी दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. वर्तमान में एफडी पर यह बैंक 2.9 फीसदी से लेकर 5.4 फीसदी तक का ब्याज दे रहा है.
बैंक में पैसे जमा करने पर क्या असर होगा-
नीतिगत ब्याज दरों में आरबीआई द्वारा कटौती होने के बाद बैंक भी आगामी दिनों में एफडी दरें घटा देते हैं. लेकिन, डिपॉजिट रेट में यह कटौती रेपो रेट के अनुपात में नहीं होती है. बैंक में पैसे जमाकर्ता के तौर पर देखें तो ब्याज दरें घटने का मतलब है कि अकाउंट में नये डिपॉजिट पर कम ब्याज मिलेगा. कम ब्याज मिलने का मतलब है कि जमाकर्ता के डिपॉजिट पर रिटर्न भी कम ही मिलेगा. ब्याज दर बढ़ने का मतलब है कि डिपॉजिट पर ज्यादा रिटर्न मिलेगा.
ईएमआई घटने पर कोई आसार नहीं-
शक्तिकांत दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक फाइनेंशियल सिस्टम में डिपॉजिटर्स के हितों के बचाव के लिए प्रतिबद्ध है. अब रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं होने का मतलब है कि फिलहाल लोन की ईएमआई नहीं घटने वाली है. आपको बता दें कि इस साल मार्च के बाद से केंद्रीय बैंक में पॉलिसी दरों में 115 आधार अंकों तक की कटौती किया है. अंतिम आरबीआई ने नीतिगत ब्याज दरों में बदलाव 22 मई को को किया था.