तमिलनाडु में प्रवासी श्रमिकों के फर्जी वीडियो प्रसारित करने के आरोप में जेल गए यूट्यूबर मनीष कश्यप को शुक्रवार को बड़ी राहत मिली है। तमिलनाडु के मदुरै की एक अदालत ने बिहार मूल के मनीष कश्यप को जमानत दे दी है। साथ ही उन पर लगाया गया एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) भी हटा लिया गया है। कश्यप पर प्रवासियों के फर्जी वीडियो शेयर करने का आरोप लगा था। आज की कार्यवाही में कोर्ट ने इस मामले में अंतिम सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका के जवाब में उन्हें हाई कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया था। हालांकि मनीष कश्यप के वकील ने कहा कि, वो अदालत से लिखित आदेश प्राप्त होने के बाद ही इस मामले पर टिप्पणी कर सकते है जो शाम 5 बजे जारी होने की उम्मीद है।
तमिलनाडु में बिहारी प्रवासी श्रमिकों पर हमले के फर्जी वीडियो साझा करने के आरोपी मनीष कश्यप फिलहाल पटना के बेउर जेल में बंद हैं। बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) द्वारा दायर वित्तीय गड़बड़ी के एक मामले में इस साल अगस्त में पटना सिविल कोर्ट ने उन्हें बेउर जेल में रखने का आदेश दिया था।
इससे पहले तमिलनाडु पुलिस की टीम कोर्ट से प्रोडक्शन वारंट हासिल कर उसे पटना से ले आई थी। मदुरै कोर्ट ने यूट्यूबर मनीष को 19 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। इससे पहले कोर्ट ने मनीष को पुलिस हिरासत में रखा था।