मुजफ्फरपुर और आस पास के जिलों में बच्चों की जानलेवा बीमारी एईएस जोर पकड़ने लगा है। एसकेएमसीएच के पीकू में एईएस के तीन और संदिग्ध मरीज भर्ती किये गये। यहां अब एईएस के संदिग्ध मरीजों की संख्या पांच हो गई है। एसकेएमसीएच में अबतक दस बच्चों में एईएस की पुष्टि हो चुकी है जिसमें एक मौत जनवरी महीने में अज्ञात एईस से हुई थी।
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को अलर्ट किया गया
सात बच्चे इलाज के बाद ठीक होकर घर जा चुके हैं। शुक्रवार को भी अस्पताल में दो बच्चों में एईएस की पुष्टि हुई जिनका इलाज चल रहा है। एसकेएसमीएच में जिन बच्चों में एईएस की पुष्टि हुई, उनमें चार बच्चे मुजफ्फरपुर के थे बाकी बच्चे मोतिहारी, सीतामढ़ी और अररिया जिले के थे। इधर, मौसम के बदले तेवर के बीच चमकी-बुखार व एईएस के मरीजों के आने की शुरुआत देख स्वास्थ्य विभाग ने अपनी सतर्कता बढ़ा दी है। सभी अस्पतालों में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को अलर्ट किया गया है।
घर-घर पंफलेट पढ़कर फैलाएं जागरूकता
जिलाधिकारी प्रणव कुमार ने एईएस को लेकर जागरूकता अभियान तेज करने का निर्देश दिया है। उन्होंने सभी चिकित्सा पदाधिकारियों को पत्र लिखकर कहा है कि एईएस के प्रति जागरूक करने के लिए जो पंफलेट बांटे जाने हैं, उसे पढ़कर लोगों को सुनाया भी जाये। उन्होंने 16 अप्रैल से 22 अप्रैल तक प्रखंडों में विशेष जागरूकता अभियान चलाने को कहा है। आशा और सेविका घर-घर जाकर लोगों को हैंडबिल पढ़कर सुनाने और एक रजिस्टर पर गृहस्वामी का हस्ताक्षर कराएंगी। डीएम ने शत प्रतिशत हैंडबिल का वितरण कराने का निर्देश भी दिया है। प्रखंड स्तर पर सामुदायिक उत्प्रेरक हैंडबिल के बांटने की रोज मॉनिटरिंग करेंगे।