सुल्तानपुर। उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले के करौंदीकला ब्लॉक प्रमुख के विरुद्ध बगावत का मामला हाईकोर्ट में पहुंच गया है। क्षेत्र पंचायत सदस्यों की ओर से दायर याचिका को संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने चार सप्ताह के भीतर क्षेत्र पंचायत सदस्यों के इस्तीफे पर विचार करने का प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिया है। वही ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि सर्वेश मिश्रा का कहना है कि ब्लॉक प्रमुख द्वारा कराए गए विकास कार्य में किसी भी प्रकार का भ्रष्टाचार नहीं हुआ है। हम हर प्रकार की जांच को तैयार हैं। 24 नवंबर को करौंदीकला में सदन की बैठक में अधिकारियों द्वारा विकास कार्यों का ब्योरा दिया जा रहा था कि हंगामा हो गया था। नारेबाजी, धमकी सब कुछ देखने को मिली थी।अंत में सामूहिक रूप से महिला-पुरुष समेत कुल 37 क्षेत्र पंचायत सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया था।
खंड विकास अधिकारी करौंदीकलां ज्ञानेंद्र मिश्रा ने सामूहिक इस्तीफे को स्वीकार करते हुए रिसीविंग कॉपी पर मुहर लगाकर दे दिया था। क्षेत्र पंचायत सदस्यों ने सात सूत्रीय सामूहिक त्याग पत्र खंड विकास अधिकारी व ब्लॉक प्रमुख को सौंपते हुए आरोप लगाया था कि ब्लॉक प्रमुख ने मनमाने तरीके से पद का दुरुपयोग करते हुए प्रस्ताव पारित करके मानक विरुद्ध एवं नियम विरुद्ध कार्य कराया है। बैठक नहीं करने और न ही क्षेत्र पंचायत सदस्य से प्रस्ताव लेने की बात सामने आई थी। आरोप ये भी लगा कि क्षेत्र पंचायत सदस्यों के साथ मारपीट, गाली-गलौज और अमर्यादित तरीके से आवरण किया जाता है। मनमाने तरीके से समितियां बनाई गई हैं जिसको आज तक सदन को अवगत नहीं कराया गया। क्षेत्र पंचायत के धन का अपने प्रतिनिधि के माध्यम से उपयोग कराते हुए भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया गया।
क्षेत्र पंचायत सदस्य सुमन गौतम का आरोप था कि ढाई साल में जो काम आता है तो हम लोगों को कुछ पता नहीं चलता है। बिना हमारी साइन के यह पैसा निकाल लेते हैं। मामला तूल पकड़ा, जिले के अधिकारियों तक बात पहुंची लेकिन जब क्षेत्र पंचायत सदस्यों की सुनवाई यहां भी नहीं हुई तो बागी क्षेत्र पंचायत सदस्यों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। अपना इस्तीफा कोर्ट को सौंप दिया। मामले को संज्ञान लेते हुए न्यायमूर्ति मनीष कुमार एवं न्यायमूर्ति विवेक चौधरी की डबल बेंच ने सुनवाई करते हुए खंड विकास अधिकारी करौंदीकला को नामित कर चार सप्ताह के भीतर कानून के अनुसार क्षेत्र पंचायत सदस्यों के इस्तीफे पर निर्णय लेने का निर्देश दिया है। याचिका पक्ष के तरफ से विद्वान अधिवक्ता अनिल कुमार यादव ने अपना पक्ष रखा।
वही इस मामले में ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि सर्वेश मिश्रा ने कहा कि 10-20 क्षेत्र पंचायत सदस्य हैं जो विरोध कर रहे हैं। हमने दो दर्जन क्षेत्रों में अबतक विकास कार्य कराएं हैं। कुछ स्थानो तक नहीं पहुंच सके हैं लेकिन उन्हें भी विकास योजनाओं से जोड़ा जाएगा। जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं वो निराधार हैं हम जांच को तैयार हैं। लेकिन ये चाहते हैं कि इस प्रकार क्षेत्र का नाम खराब ना किया जाए।