सुप्रीम कोर्ट ने जानवरों के हलाल वध पर बैन लगाने की दिशा में मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने याचिका को खारिज करते हुए कहा, “आपकी यह याचिका शैतानी भरी नजर आती है।
“विश्व जैन संगठन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर चिकन, बकरे और अन्य पशुओं को खाने के लिए हलाल के तरीके से काटने पर रोक लगाने की मांग की है. इसके साथ ही केंद्र सरकार की 30 मार्च के सर्कुलर पर रोक लगाने की भी मांग भी कोर्ट में उठाई गई है. बता दें कि इस सर्कुलर में केंद्र सरकार ने कोरोना काल में भी चिकन और मीट खाने की इजाजत दी है.
याचिका में कहा गया है कि केंद्र सरकार के पशुपालन मंत्रालय ने मांस कारोबारियों के दबाव में आकर 30 मार्च को ये सर्कुलर जारी किया है. पशुपालन मंत्रालय ने यह जल्दबाजी में जारी किया है. याचिका में कहा गया है कि दुनिया भर के जीव विज्ञानी जब यह पता लगाने में जुटे हैं कि यह खतरनाक कोरोना वायरस कहां से आया.
ऐसे में उस शोध का अंतिम नतीजा आए बगैर पशुपालन मंत्रालय को इस तरह की एडवाइजरी जारी करने का क्षेत्राधिकार व दक्षता प्राप्त नहीं है. याचिका में उन्होंने आगे कहा कि हलाल के तरीके से पशुओं को तड़पा-तड़पाकर काटा जाता है, पशु को कट मारकर मरने तक तड़पाया जाता है, जो कि बेहद दर्दनाक है.
इस पर तुरंत रोक लगनी चाहिए. बताते चलें कि कोरोना वायरस के कारण पूरे देश में हाहाकार मचा हुआ है. सरकार की तमाम कोशिशों के बाद भी कोरोना ग्राफ नीचे आने की बजाय बढ़ता ही जा रहा है. सरकार के लिए कोरोना काबू कर पाना नामुमकिन सा प्रतीत हो रहा है.
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अगर आंकड़ों की बात करें तो देश में अबतक कोरोना के 21,700 मामले सामने आ चुके हैं. जिसमें अबतक 686 लोगों की मौत हो गई है जबकि 4,325 लोग इलाज के बाद ठीक हो गए हैं.