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गोरखपुर में प्‍लास्‍ट‍िक पार्क व‍िकस‍ित करने के ल‍िए केन्‍द्र सरकार ने दी मंजूरी….

गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) में प्लास्टिक पार्क विकसित करने की कवायद मूर्त रूप से चुकी है। केंद्र सरकार के रसायन एवं पेट्रो रसायन विभाग की ओर से पार्क की स्थापना को लेकर अंतिम स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। कुछ दिन पहले हुई बैठक में गीडा सीईओ की ओर से इसका प्रस्तुतीकरण दिया गया था। केंद्र सरकार की टीम ने यहां आकर निरीक्षण भी किया था, जिसके बाद पार्क को विकसित करने की मंजूरी दे दी है। 88 एकड़ में विकसित होने वाले पार्क को विकसित करने में करीब 70 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस पार्क के विकसित होने से प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से पांच हजार लोगों को रोजगार मिल सकेगा। केंद्र सरकार देगी पार्क को विकसित करने का आधा खर्च गीडा में गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे के पास भगवानपुर गांव में प्लास्टिक पार्क विकसित किया जाएगा। करीब तीन महीने पहले गीडा में प्लास्टिक पार्क विकसित करने की पहल हुई थी। प्रदेश सरकार से मंजूरी के बाद अंतिम स्वीकृति के लिए इसे केंद्र सरकार को भेजा गया था। भारत सरकार के रसायन एवं पेट्रो रसायन विभाग के सचिव ने 12 अप्रैल को संपन्न 26वीं बैठक में पार्क को विकसित करने की अंतिम स्वीकृति प्रदान कर दी। भूमि के मूल्य के अतिरिक्त 69.58 करोड़ रुपये पार्क पर खर्च होंगे। इसमें से 34.79 करोड़ रुपये भारत सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। शेष 34 करोड़ 79 करोड़ रुपये स्पेशल परपज व्हेकिल (एसपीवी) द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा। प्लास्टिक पार्क के संचालन के लिए एसपीवी के गठन की प्रक्रिया भी शुरू हो गया है। स्थापित होंगी 92 औद्योगिक इकाइयां प्लास्टिक पार्क में 92 औद्योगिक इकाइयां स्थापित की जाएंगी। यहां प्रशासनिक भवन, कामन फैसिलिटी सेन्टर और भंडारण इकाइयां भी संचालित होंगी। इन भूखंडों का क्षेत्रफल 600 वर्गमीटर से लेकर 17000 वर्गमीटर तक होगा। प्रशासनिक भवन 900 वर्गमीटर में बनेगा। जिसमें भूतल में बैंक, कैंटीन एवं प्राथमिक चिकित्सा केंद्र होगा। प्रशासनिक भवन के प्रथम तल पर श्रमिकों के लिए डारमेट्री एवं प्रबन्धकीय आवास मौजूद रहेगा। खुलेगी सीपेट की शाखा प्लास्टिक पार्क में शोध के लिए पांच एकड़ में केन्द्रीय पेट्रोकेमिकल्स इंजीनियरिंग एवं तकनीकी संस्थान (सीआइपीईटी) की शाखा भी स्थापित होगी। सेंटर में उद्यमियों के लिये प्लास्टिक से बनी वस्तुओं के निर्माण के लिये आधुनिक प्लान्ट एवं मशीनरी लगायी जाएंगी। प्रशिक्षण, प्रमाणन तथा रिसर्च की सुविधा भी दी जायेगी। प्रस्तावित प्लास्टिक पार्क में चार एकड़ भूमि कच्चे माल की आपूर्ति व भंडारण के लिए आरक्षित होगी। प्लास्टिक पार्क को केंद्र सरकार के रसायन एवं पेट्रो रसायन विभाग द्वारा अंतिम मंजूरी दे दी गई है। एसपीवी के गठन की प्रक्रिया भी चल रही है। जल्द ही पार्क को विकसित करने का काम शुरू हो जाएगा। इससे करीब पांच हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।