यूपी विधानसभा अध्यक्ष के पद पर सदन के वरिष्ठ सदस्य सतीश महाना के चयन के बाद नेता विरोधी दल अखिलेश यादव ने कल अपने भाषण में चुटीले अंदाज के साथ इशारों ही इशारों में सरकार पर कई तंज कसे थे। इसके साथ ही चुनाव के दौरान अपनी विदेश यात्राओं को लेकर भाजपा के सवालों का जवाब देने की कोशिश भी की थी। अखिलेश ने कहा था- ‘यदि मैं विदेश नहीं गया होता तो शायद देश का सबसे अच्छा एक्सप्रेस नहीं बना पाता। आपके शहर कानपुर को मेट्रो नहीं मिल पाती।’ अखिलेश के अंदाज पर कल सदन में खूब ठहाके लगे थे लेकिन आज बसपा मुखिया मायावती ने उनकी बातों पर सवाल उठा दिया।
मायावती ने एक ट्वीट में लिखा- ‘नवनिर्वाचित यूपी विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना के अनेकों बार विदेश भ्रमण की आड़ में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव का अपने विदेश दौरों को विकास के बहाने उचित ठहराने का प्रयास उनकी उस कमियों पर पर्दा डालने की कोशिश है जिसका शिकार भाजपा उनको अक्सर बनाती रही है, क्या ये सही है? समग्र विकास के लिए सही सोच व विज़न जरूरी है जो बिना विदेशी दौरे के भी संभव है। ऐसा बीएसपी सरकार ने ताज एक्सप्रेसवे, गंगा एक्सप्रेसवे आदि के जरिए साबित करके दिखाया है। जिस प्रकार दंगा, हिंसा और अपराध-मुक्ति के लिए आयरन विल पावर जरूरी है, उसी तरह विकास हेतु भी संकीर्ण नहीं, सही सोच जरूरी है।’
क्या कहा था अखिलेश ने-
चुनाव के दौरान अपनी विदेश यात्राओं को लेकर भाजपा के निशाने पर आए अखिलेश ने कल विधानसभा में कहा, ‘महाना जी आप करीब 35 देश घूमकर आए हैं। यह बात तो मुझे पहले पता होनी चाहिए थी। इस पर महाना ने हंसते हुए कहा, आपने प्रयास नहीं किया । इस पर सदन में ठहाके लगे। अखिलेश ने कहा राइट (सत्ता पक्ष) में कुछ ऐसे सदस्य हैं जो विदेश नहीं जाना चाहते। इस पर महाना ने उनसे नाम पूछ लिया तो खुद अखिलेश यादव दूसरे सदस्यों के साथ हंस पड़े। विदेश यात्रा के फायदों की बात करते हुए अखिलेश ने कहा कि यदि मैं विदेश नहीं गया होता तो शायद देश का सबसे अच्छा एक्सप्रेस नहीं बना पाता। आपके शहर कानपुर को मेट्रो नहीं मिल पाती। हम विधानसभा के जिस भवन में बैठे हैं, वह ब्रिटिश काल की है।’
सपा पर लगातार हमले कर रही हैं मायावती
यूपी चुनाव 2022 में सिर्फ एक सीट पर सिमट गई बसपा की हार की समीक्षा के बाद मायावती लगातार समाजवादी पार्टी और भाजपा पर हमले कर रही हैं। कल उन्होंने एक ट्वीट में मुस्लिम समाज को आगाह करते हुए बीजेपी की जीत के लिए समाजवादी पार्टी के पक्ष में की गई मुस्लिम समाज की एकतरफा वोटिंग को जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने आरोप लगाया कि सपा और भाजपा के बीच अंदरुनी मिलीभगत है।एक ट्वीट में मायावती ने लिखा- ‘यूपी में सपा और भाजपा की अन्दरूनी मिलीभगत जग-जाहिर रही है। इन्होंने विधान सभा आमचुनाव में भी हिन्दू-मुस्लिम कराकर यहां भय और आतंक का माहौल बनाया, जिससे खासकर मुस्लिम समाज गुमराह हुआ और सपा को एकतरफा वोट देने की भारी भूल की। जिसको सुधार कर ही भाजपा को यहां हराना संभव है।’ दरअसल, बसपा सुप्रीमो को लगता है कि यूपी विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी की हार हिन्दू-मुस्लिम वोटों के ध्रुवीकरण के चलते हुए है। इसके पहले पार्टी की हार पर बोलते हुए उन्होंने कहा था कि मुस्लिम समाज का पूरा वोट बीजेपी को हराने के लिए समाजवादी पार्टी की तरफ शिफ्ट कर गया। बसपा को इसी की सजा मिली।