शारदीय नवरात्रि के नौवे दिन झांसी के मऊरानीपुर में आस्था और अंधविश्वास से जुड़ा मामला सामने आया है। जहां पर एक मृत व्यक्ति को जीवित करने का दावा चर्चा में आ गया। ये खबर जब सामने आई तो इलाके में हड़कंप मच गया और देखते ही देखते आग की तरह फैल गई। आस्था और भक्ति में विश्वास रखने वालों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई। लेकिन जब मृत युवक जीवित नहीं हुआ तो लोगों की आंखें खुली है।
बुंदेलखंड में धार्मिक आस्था रखने वाले लोगों के लिए जगह जगह दरबार, तो कहीं भविष्य बताने वाले देखे जाने लगे हैं, अब इसे आस्था कहे या अंधविश्वास। ऐसा ही एक मामला झांसी जिले की तहसील मऊरानीपुर क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम हीरापुर में देखने को मिला। जहां हीरापुर निवासी पंचम लाल की बीमारी की वजह से आज सुबह करीब तीन बजे मौत हो गई। धार्मिक आस्था पर विश्वास रखने वाले लोगों ने मृत पंचम को गांव के बाहर बने देवी चबूतरा पर ले जाने को कहा।
बताया गया कि, चबूतरा पर सुबह तीन बजे एक महिला को देवी की सवारी आई और देवी ने उसे जीवित करने का दावा मौजूद सैकड़ों लोगों के सामने किया। लेकिन जब लगभग 11 बजे परिजन पंचम को लेकर एक प्राइवेट अस्पताल पहुंचे, तो डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों ने बताया कि, पंचम की मौत सुबह करीब 7 बजे लगभग हो गई थी। जबकि परिवार के लोग उसकी मौत 3 बजे होना बता रहे है।
अब यहां सवाल ये उठता है कि, जब पंचम की 3 बजे मौत हो गई और डॉक्टर उसकी मौत सुबह 7 बजे बता रहे हैं, तो क्या 4 घंटे पंचम की सांसे चल रही थी। अगर चल रही थी तो समय रहते उसे चिकित्सीय उपचार मिल जाता तो शायद वह बच सकता था। लेकिन आस्था और अंध विश्वास के चलते युवक की मौत हो गई। वहीं थक हार के परिजन अब युवक के अंतिम संस्कार में जुट गए।