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UPPCS: हरियाणा की अनुज नेहरा ने किया टॉप, खुद बताया कैसे रचा इतिहास

रिजल्ट आने से एक घंटा पहले पानीपत की अनुज नेहरा कमरे में बैठी रो रही थीं। रोना इस बात पर आ रहा था कि पता नहीं यूपी लोक सेवा आयोग के रिजल्ट में क्या होगा। उनकी मां उषा रानी ने उन्हें रोते देखा तो उन्होंने दिलासा देते हुए कहा कि सब अच्छा होगा। लेकिन अनुज को ये डर था कि पता नहीं हरियाणा के कैंडिडेट को यूपी में अच्छे नंबर मिलेंगे भी या नहीं। भर्ती में ट्रांसपरेंसी होगी या नहीं। इस उधेड़बुन के बीच जैसे ही रिजल्ट आया तो अनुज को यकीन नहीं हुआ कि उसने इस भर्ती परीक्षा में टॉप किया है। वे कहती हैं कि रिजल्ट देखकर तो खुद पर यकीन नहीं हुआ कि मेरा पहली रैंक आयी है।

अनुज कहती हैं कि लाइफ में सबसे बड़ा मोटिवेशन उसके बड़े भाई से मिलता था। क्योंकि उन्होंने शुरू से लेकर अब तक अपनी पढ़ाई बेहद समर्पित होकर की है। उन्होंने रोहतक पीजीआई से मास्टर ऑफ सर्जरी पूरी की है। भाई जब भी कोई डिग्री में अव्वल आता तो मुझे लगता था कि अब मुझे भी कुछ अच्छा करना ही है, तभी शुरुआत से यूपीएसी क्लियर करने का ड्रीम बनाया।

अनुज नेहरा ने पानीपत के केंद्रीय विद्यालय से 10वीं और 12वीं की परीक्षा पास की। इसके बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी के हंसराज कॉलेज से साइंस में ग्रेजुएशन की। वे कहती हैं कि शुरूआत से ही यूपीएससी क्लियर करने का सपना था। 4 बार अटेंप्ट किए। दो बार मेन्स एग्जाम भी दिया लेकिन क्लियर नहीं हो सका। इस बीच यूपी लोक सेवा आयोग की परीक्षा की भी तैयारी की तो यह क्लियर हो गया।

अनुज ने 2014 में यूपीएससी की तैयारी शुरू की थी। उसने साइंस स्ट्रीम में ग्रेजुएशन की थी तो हिस्ट्री, पॉलिटिकल व दूसरे सामान्य विषय को पढ़ने में समय देना पड़ा। इसके लिए उसने 12 से 13 घंटे तक पढ़ाई की। यूपीएससी के लिए कोचिंग भी ली। हालांकि, पिछले कुछ समय से वे घर पर ही तैयारी कर रही थीं। उन्होंने यूपी लोक सेवा आयोग की परीक्षा के लिए कोई कोचिंग नहीं ली। यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी ही इसमें काम आई।

अनुज कहना है कि उसकी पढ़ाई की रणनीति एकदम क्लियर थी। ज्यादा से ज्यादा और बार-बार विषय को पढ़ना ही इस परीक्षा को क्लियर करने का मूल मंत्र है। इसके अलावा टाइम मैनेजमेंट का भी पूरा ख्याल रखना चाहिए। ताजा घटनाओं पर पैनी नजर होनी चाहिए, ताकि पहले पढ़े गए विषयों में जानकारी जोड़ी जा सके। तैयारी कर रहे युवाओं को एक ही संदेश है कि ईमानदारी से मेहनत करें।

अनुज कहती हैं कि परिवार का सबसे बड़ा स्पोर्ट रहा। हरियाणा जैसे राज्य में जहां लड़कियों को कम फ्रीडम दी जाती है, वहां परिवार वालों ने बार-बार यूपीएससी की परीक्षा में नाकाम होने पर भी आगे पढ़ने के लिए लगातार प्रोत्साहित किया। वे सबसे बड़े प्रेरणा स्त्रोत हैं।