हिंदू धर्म में देवी दुर्गा की पूजा के लिए नवरात्रि के पर्व को बहुत ज्यादा शुभ और फलदायी माना जाता है. यही कारण है कि नवरात्रि के 9 दिनों में भगवती दुर्गा का आशीर्वाद पाने के लिए हर कोई पूरे विधि-विधान से उनकी पूजा, व्रत और उनके मंत्रों आदि का जप करता है. नवरात्रि की इस पूजा से शक्ति के साधकों पर पूरे साल देवी दुर्गा की कृपा बरसती है और वह सभी प्रकार के कष्टों से बचा रहता है. ज्योतिष के अनुसार नवरात्रि के इन 9 दिनों में देवी पूजा के जरिए आप नवग्रहों के दोष को भी दूर कर सकते हैं, आइए जानते हैं कैसे?
शैलपुत्री
हिंदू मान्यता के अनुसार नवरात्रि के पहले दिन पर्वतराज हिमालय की पुत्री यानि मां शैलपुत्री की पूजा से कुंडली में स्थित मंगल दोष दूर होता है और जीवन में इस ग्रह के कारण आ रही बाधाओं से मुक्ति मिलती है.
ब्रह्मचारिणी
नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का विधान है. हिंदू मान्यता के अनुसार देवी दुर्गा के इस पावन स्वरूप की पूजा करने पर साधक की कुंडली में स्थिति छायाग्रह राहु के दोष दूर होते हैं.
चंद्रघंटा
देवी दुर्गा के इस पावन स्वरूप ने अपने माथे में घंंटे के आकार का चंद्रमा धारण किया है. हिंदू मान्यता के अनुसार मान्यता है कि देवी के इस स्वरूप की पूजा करने पर कुंडली में स्थित चंद्र दोष दूर होता है.
कूष्मांडा
नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा करने से साधक को न सिर्फ सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है, बल्कि कुंडली में स्थित केतु से जुड़े दोष दूर होते हैं और इसके कारण जीवन में आ रही बाधाओं से मुक्ति मिलती है.
स्कंदमाता
हिंदू मान्यता के अनुसार देवी दुर्गा के जिस स्वरूप के पुत्र कार्तिकेय भगवान हैं, उन्हें शक्ति की साधना में मां स्कंदमाता के नाम से पूजा जाता है. मान्यता है कि मां स्कंदमाता की पूजा से व्यक्ति की कुंडली में स्थित सूर्य से संबंधित सभी दोष दूर हो जाते हैं.
कात्यायनी
सनातन धर्म के अनुसार नवरात्रि के छठवें दिन महर्षि कात्यायन के तप से प्रसन्न होकर उनके घर में जन्म लेने वाली देवी कात्यायनी की पूजा की जाती है. मान्यता है कि माता कात्यायनी की पूजा से कुंडली में बुध ग्रह बली होता है और उससे जुड़े सारे दोष दूर होते हैं.
कालरात्रि
नवरात्रि में सातवां दिन मां कालरात्रि की पूजा का होता है. हिंदू मान्यता के अनुसार मां कालरात्रि की पूजा से बड़े से बड़ा कष्ट पलक झपकते दूर हो जाता है और साधक को शनि दोष से मुक्ति मिलती है.
महागौरी
शक्ति की साधना में माता महागौरी की पूजा का बहुत ज्यादा महत्व माना गया है. मान्यता है कि माता की साधना-आराधना से व्यक्ति को सुख-सौभाग्य के साथ देवगुरु बृहस्पति का भी आशीर्वाद मिलता है.
सिद्धिदात्री
नवरात्रि के अंतिम दिन देवी दुर्गा के सिद्धिदात्री स्वरूप की पूजा का विधान है. हिंदू मान्यता के अनुसार देवी सिद्धिदात्री की पूजा से व्यक्ति के सभी प्रकार के काम बगैर किसी बाधा के सिद्ध होते हैं और उसे कुंडली में शुक्र ग्रह की शुभता प्राप्त होती है.