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25 हज़ार लीटर शराब बरामद, सिपाही से लेकर एसपी साहब तक से होगी पूछताछ..

रामपुर के शहजादनगर इलाके से एसटीएफ द्वारा 25000 लीटर एक्स्ट्रा न्यूट्रल अल्कोहल (ईएनए) पकड़े जाने के मामले में रामपुर के सिपाही से लेकर कप्तान तक हर स्तर के पुलिस अधिकारी को जांच का सामना करना पड़ेगा। एसटीएफ के ऑपरेशन के बाद एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने पूरे खेल में स्थानीय पुलिस और आबकारी विभाग की मिलीभगत की आशंका जताई थी। अब एडीजी बरेली अविनाश चंद्र ने इस मामले में बरेली के डीआईजी को जांच का आदेश दिया है। एडीजी ने बरेली में भी ईएनए की खेप उतरने की आशंका जताई है।
एसटीएफ ने 13 जून को रामपुर के शहजाद नगर थाना क्षेत्र में भमौरा से 25000 लीटर ईएनए पकड़ा था। पूरे ऑपरेशन से स्थानीय पुलिस और आबकारी विभाग को दूर रखा गया था। ईएनए पकड़े जाने के बाद ही एसटीएफ ने स्थानीय पुलिस को सूचना दी थी। यह खेप पठानकोट की पायनियर इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड डिस्टलरी से डिब्रूगढ़ के लिए रवाना की गई थी, लेकिन शराब माफिया इसे लेकर रामपुर पहुंच गए। 

पठानकोट से बरेली, रामपुर, मुरादाबाद और लखनऊ तक ईएनए की अवैध खेप पहुंचने की सूचनाओं के बाद एसटीएफ ने शराब माफिया की इलेक्ट्रानिक सर्विलांस शुरू की तो पुलिस और आबकारी विभाग के कुछ अधिकारियों की आवाजें भी इसमें सुनी गईं। पुलिस विभाग के सूत्रों का कहना है कि आईजी एसटीएफ से पुख्ता जानकारी मिलने के बाद एडीजी कानून व्यवस्था ने पत्र जारी कर कहा था कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि अवैध शराब का यह पूरा खेल स्थानीय पुलिस अधिकारियों और आबकारी विभाग की जानकारी में चल रहा था। 

अवैध शराब के इस खेल में पहले आईजी मुरादाबाद रमित शर्मा ने मुरादाबाद के तत्कालीन एसएसपी अमित पाठक को एसपी रामपुर व अन्य सभी पुलिस अधिकारियों की भूमिका की जांच का आदेश दिया था। अब एडीजी ने डीआईजी बरेली को पुलिस अधिकारियों की भूमिका की जांच कर रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं। 
एसटीएफ ने यह भी जानकारी दी थी कि अवैध रूप से ईएनए लाकर उससे शराब बनाने के बाद उसे बरेली जोन के जिलों में शराब की सरकारी अनुज्ञापित दुकानों के जरिए बेचा जाता है। शहजाद नगर में पकड़ी गई ईएनए से शराब की 70000 बड़ी और 2.8 लाख छोटी बोतलें तैयार की जा सकती थीं।

अल्कोहल के टैंकर काफी लंबे रास्ते से आ रहे थे। बीच में रामपुर में 25000 लीटर ईएनए उतरा था। हो सकता है बरेली में भी खेप पहुंची हो। इस मामले में एसपी समेत रामपुर पुलिस के प्रत्येक स्तर से अधिकारी की भूमिका की जांच डीआईजी बरेली को दी गई है। निष्पक्ष जांच होगी और जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई हो जाएगी।