रिपोर्ट- गणेश कुमार
सोनभद्र जिले की सीमा चार राज्यों (छत्तीसगढ़ , मध्य प्रदेश , बिहार व झारखण्ड) से लगी हुई है। जिले में इन दिनों छत्तीसगढ़ से आने वाले हाथियों की झुण्ड ने आदिवासियों के इलाके में हड़कम्प मचाया हुआ है। हाथियों के डर से आदिवासियों की नींद गायब है लोग रातो में मशाल जलाकर बीता रहे है। इस समय कई दिनों से हाथियों के झुंड उत्पाद मचा रहे जो फसल समेत कई घर ध्वस्त कर दिए है। हाथियों के उत्पात से हुए नुकसान से आदिवासियों को मुआवजा न मिलने पर आक्रोश है।
छत्तीसगढ़ राज्य की सीमा से सोनभद्र जिले के इन गांवों सिरसोती, कोडार, महुआबारी, व मध्य प्रदेश के सिंगरौली जनपद के गोभा, ननियागढ़, खमारोटोला मे छत्तीसगढ़ के हाथियों का झुंड उत्पात मचाया हुआ है। इन हाथियों के झुंड ने आदिवासीय लोगों का घर उजाड़ कर उसमें रखे अनाज को खा कर अपनी भूख शांत कर रही है। हाथियों ने बभनी थाना क्षेत्र के जवाहिर बैगा , रामेश्वर और राम सूरत के घरों को तहस-नहस कर घर में रखे सारे अनाज को खा लिया गया। हाथियों के झुंड द्वारा टोले के गेन शाह , रामजी ,रामबली ,राम मनोहर ,लक्ष्मण , प्रेम कुमार ,मेहीलाल और शिवप्रसाद बैगा के खेतों में घुसकर मक्के और धान की फसल को बर्बाद किया गया। क्षेत्र में लगातार चार दिन से हाथियों द्वारा घरों में रखे अनाज और खेतों में फसलों को खा जाने और बर्बाद करने से लोगों के समक्ष भोजन की समस्या उत्पन्न हो गई है।
इन ग्रामीणों के अनुसार हाथियों द्वारा जंगल के किनारे स्थित गरीब आदिवासियों के घरों को ही निशाना बनाया गया है। ग्रामीणों ने बताया कि सोनभद्र व सिंगरौली वन विभाग के संयुक्त टीम दिन रात ग्रामीणों के साथ गस्त कर रहे हैं । तो इसके बाद भी हाथियों को भगाने में नकाम हो रहे हैं। वन विभाग के लोगों द्वारा जंगल के किनारे स्थित बसे लोगों को अपनी सुरक्षा स्वयं करते हुए रात में टोले से बाहर चले जाने की सलाह दी जा रही है , ऐसे में गांव के लोग रात को अपना घर छोड़कर प्राथमिक पाठशाला ननियागढ़ की छत पर चढ़कर रात बिता रहे हैं l ग्रामीणों ने बताया कि मंगलवार को वन कर्मियों द्वारा ड्रोन कैमरा भी गांव में घुमाया गया जिसमें जंगल में छुपे हुए हाथी साफ-साफ दिखाई दिए। किसानों का आरोप है कि क्षति पूर्ति हेतु वन विभाग की भूमी जबकि किसान पुस्त और वर्षों से वहां निवास पर खेती किसानी कर अपना जीवीकोपार्जन कर रहे हैं ।