नीट और जेईई परीक्षा के विरोध में राजभवन जा रहे सपा कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज को लेकर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। अखिलेश ने कहा कि सपा कार्यकर्ताओं पर यह लाठीचार्ज नहीं ‘खूनी हमला’ है। आज देश में बाल-बच्चों वाला हर परिवार चिंतित है।
अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल पर अखिलेश ने लिखा-कोरोना काल में परीक्षा कराने के विरोध में सड़कों पर उतरे सपा के कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज नहीं ‘ख़ूनी हमला’ हुआ है। आज बाल-बच्चों वाला हर परिवार चिंतित है। सबका साथ का दावा करने वाले अकेले लोगों की मनमानी कब तक चलेगी।
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अखिलेश ने इसके पहले सोमवार दोपहर एक अन्य ट्वीट में भी इस मुद्दे को लेकर सरकार पर हमला बोला था। अखिलेश ने लिखा था- जिस प्रकार देश भर के परीक्षार्थियों ने अपनी ‘नापसंदगी’ दर्शा कर अपना रोष दर्ज किया है, उसने साफ़ कर दिया है कि चिंतित युवा और अभिभावक भी चाहते हैं कि सत्ताधारी अपना दंभ त्यागकर परिवारवालों की मांग सुनें।याद रहे पलटे हुए अंगूठे सत्ता भी पलट देते हैं। इसके पहले सुबह अपने ट्वीट में उन्होंने एक शेर के जरिए सरकार पर निशाना साधने की कोशिश की। अखिलेश यादव ने लिखा- ‘कभी-कभी यूं भी रखी जाती है, इंसाफ़’ की आबरू…हिफ़ाज़त में रख लिये जाएं, कुछ फ़ैसलों के फ़ैसले।’
गौरतलब है कि सोमवार को नीट और जेईई परीक्षा के विरोध में राजभवन जा रहे सपा कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज किया गया। समाजवादी छात्र सभा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं का दल राजभवन जा रहा था।