बिहार चुनाव के साथ देश की एक लोकसभा और 64 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होगा. यह ऐलान चुनाव आयोग ने किया है. चुनाव आयोग ने कहा कि 29 नवंबर से पहले बिहार में विधानसभा चुनाव करा लिया जाएगा. हालांकि, अभी बिहार चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं किया गया है, लेकिन माना जा रहा है कि जल्द ही चुनाव आयोग की ओर से चुनाव शेड्यूल जारी कर सकता है.
दरअसल, देश की एक लोकसभा और 64 विधानसभा सीटें रिक्त हैं. इन पर उपचुनाव को लेकर आज चुनाव आयोग की अहम बैठक हुई. इस बैठक में सभी प्रदेशों के चुनाव अधिकारियों की रिपोर्ट की समीक्षा की गई. कई राज्यों ने कोरोना और बाढ़ के कारण उपचुनाव को आगे बढ़ाने की मांग की थी.
चुनाव आयोग ने फैसला किया कि बिहार में विधानसभा चुनाव को 29 नवंबर 2020 से पहले कराया जाना है, ऐसे में रिक्त लोकसभा और विधानसभा की सीटों पर भी उपचुनाव एक साथ हो. चुनाव आयोग का कहना है कि एक साथ चुनाव कराने से सुरक्षाबलों के मूवमेंट और लॉजिस्टिक को लेकर दिक्कत नहीं आएगी.
15 सितंबर तक चुनाव का ऐलान संभव
चुनाव आयोग के सूत्रों के मुताबिक 15 सितंबर के आसपास बिहार विधान सभा चुनाव के कार्यक्रमों का ऐलान हो सकता है. मतदान तीन चरणों में हो सकते हैं. क्योंकि कुछ इलाके मानसून के देर तक रहने की वजह से बाढ़ की जद में आते है, लिहाजा उन इलाकों में सबसे आखिर में मतदान कराने की योजना पर काम चल रहा है.
नवंबर 15 से पहले विधान सभा चुनावी प्रक्रिया पूरी कर लेने की योजना है. ज्यादा उम्मीद है कि दशहरे और दीवाली के बीच के 20 दिनों के दौरान मतदान और मतगणना हो जाए. ताकि दीवाली से पहले सारा काम निपट जाए और चुनावी प्रक्रिया में लगे कर्मचारी अधिकारी दीवाली मना सकें.
चुनाव आयोग ने अपने बयान में कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव और 65 सीटों पर उपचुनाव को ऐलान जल्द ही किया जाएगा. गौरतलब है कि बिहार में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज हो गई हैं. कांग्रेस और जेडीयू 7 सिंतबर को एक ही दिन अपने-अपने ‘बिहार मिशन’ का शंखनाद करेंगे.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 सितंबर को दिल्ली से बिहार को 18 करोड़ की परियोजनाओं का सौगात देकर चुनावी बिगुल फूंकेंगे, जबकि कांग्रेस बिहार में बिहार क्रांति वर्चुअल महासम्मेलन रैली के जरिए लोगों को साधने का काम करेगी. जेडीयू 7 सितंबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की रैली के साथ करने जा रही है. जेडीयू ने इस रैली को ‘निश्चय संवाद’ का नाम दिया है.