सुल्तानपुर: मध्यप्रदेश में सोमवार को मोहन यादव के नेतृत्व में सरकार बनाने की घोषणा होने से सुल्तानपुर में भी खुशी की लहर है। वजह साफ है कि मुख्यमंत्री की पत्नी यूपी के सुल्तानपुर जिले की हैं। सीएम के नाम की घोषणा होते ही परिवार खुशी से उछल पड़ा। मनोनीत सीएम की ससुराल में बधाई देने वालों का तांता लगा है।
मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री पद के लिए पार्टी के बीच मची रार के बीच भाजपा हाईकमान ने उज्जैन विधायक मोहन यादव के नाम की घोषणा कर दी। उनके नाम की घोषणा होते ही मध्य प्रदेश सरकार का नाता सुल्तानपुर शहर से गहरे रूप से जुड़ गया। वह इसलिए कि मध्य प्रदेश के मनोनीत सीएम की ससुराल सुल्तानपुर शहर के शास्त्रीनगर में निकली।
मोहन यादव का सुल्तानपुर शहर स्थित अपनी ससुराल आना-जाना लगा रहता है। आखिरी बार वह पिछले वर्ष बीमार चल रहे अपने ससुर ब्रह्मादीन यादव का हालचाल लेने आए थे। उस समय वह मप्र के शिक्षा मंत्री हुआ करते थे। ससुराल में ससुर का हालचाल लेने के बाद वे गोंडा में सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह के यहां आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने चले गए थे। उनकी पत्नी व ब्रह्मादीन यादव की बेटी सीमा यादव प्रत्येक रक्षाबंधन पर्व पर अपने छोटे भाई विवेकानंद यादव को राखी बांधने आती रहती हैं।
सबसे छोटे साले विवेकानंद यादव ने बताया
इस वर्ष आखिरी बार सीमा शहर स्थित मायके में विवेकानंद यादव के पास अपनी सास की मृत्यु के बाद संस्कार की रस्म पूरी करने के लिए आई थीं। सबसे छोटे साले विवेकानंद यादव ने बताया कि मोहन यादव काफी पढ़े-लिखे हैं। एलएलबी के साथ उन्होंने पीएचडी की उपाधि हासिल की है। विद्या भारती के राष्ट्रीय मंत्री रहते हुए उनकी बहन सीमा यादव की शादी उज्जैन में हुई थी।
हालांकि भाजपा की सरकार में संबंधों का कोई खास महत्व दायित्व के निर्वहन में नहीं होना बताया जाता है लेकिन मप्र के मनोनीत सीएम का जिले से गहरा लगाव होने की वजह से कुछ अहमियत बढ़ने की संभावना बनी है। कहा जा रहा है कि कुछ मामलों में जिले की सिफारिश काम आ सकती है।
गुरु का कहा सच हुआ
बता दें कि 2016 में उज्जैन महाकुंभ में पहुंचे मोहन को नेपाली बाबा ने मुख्यमंत्री बनने का आशीर्वाद दिया था। मोहन यादव अयोध्या के प्रख्यात संत व रामघाट स्थित सीताराम नाम आश्रम के संस्थापक स्वामी आत्मानंददास के शिष्य हैं और पिछले बहुत समय से वे स्वामी जी के साथ रहे।