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सुप्रीम कोर्ट ने JEE-NEET 2020 के परीक्षा को आयोजित करने की दी अनुमति

 देश भरके छात्र सरकार से सितंबर में होने वाले ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जामिनेश (JEE) और नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET)) को कोरोना वायरस महामारी के कारण स्थगित करने का अनुरोध कर रहे हैं. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने परीक्षा का आयोजन करने की अनुमति दे दी है. वहीं नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) जो इन परीक्षाओं को आयोजित करता है. उन्होंने भी परीक्षा को स्थगित करने की मांग से असहमति जताई है.

आपको बता दें, छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन परीक्षा रद्द और स्थगित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने मना कर दिया. वहीं  नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने कहा, यदि इस साल परीक्षा स्थगित होती है तो यह अगले साल के शैक्षणिक कैलेंडर को प्रभावित करेगा. वहीं अब इस मुद्दे में विपक्ष पार्टी के नेता भी जुड़ रहे हैं, जो मोदी सरकार से छात्रों की मांगों को सुनने का आग्रह कर रहे हैं.

जुलाई में शिक्षा मंत्रालय की ओर से NEET और JEE परीक्षा की तारीख की घोषणा की थी. तब से ही सोशल मीडिया पर छात्रों ने अपनी नाराजगी व्यक्त करनी शुरू कर दी थी. जब सुप्रीम कोर्ट ने सीबीएसई और आईसीएसई की परीक्षा रद्द की थी, तब से ही कोरोना काल के बीच JEE और NEET को टालने की मांग उठ रही थी. ट्विटर पर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) के खिलाफ #RIPNTA ट्रेंड कर रहा था. 

बता दें, शुरुआत में कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण, नेशनल टेस्टिंग एंजेंसी (NTA) परीक्षा की तारीखों को स्थगित करती रही. वहीं छात्रों का कहना है जब देश में कोरोना के मामले कुछ हजार थे उस समय सरकार ने परीक्षा स्थगित कर दी. अब जब मामले 30 लाख के पार हो चुके हैं तो परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है.

देश भर के कई छात्रों और अभिभावकों ने परीक्षा आयोजित करने पर अपनी  परेशानियों को शेयर किया है, क्योंकि कोरोना वायरस के मामले बढ़ रहे हैं.  हालांकि, समान संख्या में छात्रों के माता-पिता यह भी उम्मीद कर रहे हैं कि परीक्षा निर्धारित समय के अनुसार आयोजित की जाए. जिसमें सभी सावधानियों का ध्यान रखा जाए. कुछ अभिभावकों का कहना है कि मेडिकल एडमिशन का एक समय होता है. इसलिए, यह NEET को और देर करने का कोई मतलब नहीं है, अगर ऐसा होता है तो प्रवेश प्रक्रिया में देरी होगी.

बिहार- असम में बाढ़ का कहर जारी है. ऐसे में यहां के छात्रों के पास परीक्षा केंद्र तक पहुंचने के लिए पर्याप्त साधन नहीं है. छात्रों का कहना है कि बाढ़ के कारण काफी कुछ बर्बाद हो गया है. ऐसे में परीक्षा देने कैसे जाएं? वहीं जो परीक्षा केंद्र मिला है वह भी 100-200 किलोमीटर दूर है.

क्या है नेताओं की प्रतिक्रिया

सरकार पर हमला करते हुए  पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सहित कई पार्टी नेताओं ने सरकार से छात्रों की मांगों को सुनने के लिए कहा. राहुल गांधी ने ट्वीट में लिखा, आज हमारे लाखों छात्र सरकार से कुछ कह रहे हैं. NEET, JEE परीक्षा के बारे में उनकी बात सुनी जानी चाहिए और सरकार को एक सार्थक हल निकालना चाहिए. केंद्र सरकार को NEET, JEE परीक्षा को लेकर छात्रों के मन की बात सुननी चाहिए और एक सार्थक समाधान निकाला जाना चाहिए.

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी सरकार से कहा है वह छात्रों की बात पर गौर करे. कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने परीक्षा को  “अन्याय” कहा, और कहा है सरकार को इसका कोई और समाधान निकालना चाहिए”

NEET और JEE के छात्र लगातार प्रशासन से आग्रह कर रहे हैं. परीक्षा को स्थगित कर दिया जाए. कोरोना वायरस के कारण इस समय सबसे ज्यादा जरूरी उनकी हेल्थ है. JEE मेन परीक्षा IIT और NIT इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए आयोजित की जाती है. परीक्षा एक साल में दो बार, जनवरी और अप्रैल में आयोजित की जाती है. जिसका आयोजन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) की ओर से किया जाता है. बता दें कि NEET UG 2020 परीक्षा पूरे देश में मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में प्रवेश के लिए आयोजित की जाती है. इस साल भी AIIMS और JIPMER NEET UG के माध्यम से अपना एंट्रेंस कर रहे हैं.