कानपुर में 22 जून को बर्रा के रहने वाले लैब टेक्नीशियन संजीत यादव को अगवा करने के बाद मार डाला गया था। अपहरण करने वालों ने 30 लाख की फिरौती लेने के बाद भी उसकी हत्या कर शव पांडू नदी में फेंक दिया था। पुलिस को अभी तक संजीत का शव नहीं मिला है। लेकिन मंगलवार को पुलिस के हाथ एक बड़ा सबूत हाथ लगा है। पुलिस ने यहां पतरसा पुलिया के पास नाले में करीब छह घंटे की मेहनत के बाद संजीत का एंड्रायड मोबाइल व एक अन्य कीपैड वाला हैंडसेट बरामद कर लिया है। सूत्रों की मानें तो कीपैड वाले हैंडसेट से ही फिरौती के लिए फोन किया गया था। पुलिस संजीत की हत्या में इस्तेमाल किए सामानों की बरामदगी के लिए अभी भी आसपास सर्च ऑपरेशन चला रही है।
आपको बता दे संजीत अपहरण व हत्याकांड की छानबीन नए सिरे से शुरू की गई है। एसपी साउथ दीपक भूकर के निर्देश पर पुलिस की एक टीम सोमवार को पतरसा पुलिया के पास नाले में साक्ष्यों को जुटाने पहुंची थी। जहां टीम ने जेसीबी से खोदाई कर पहले बंधा तैयार कर नाले का पानी रोका और फिर इंजन से नाले के पानी को बाहर निकालना शुरू किया।
इस दौरान आसपास की झाड़ियों में सफाई कर्मियों के साथ पुलिस वालों ने सर्च ऑपरेशन चलाया। जंहा मंगलवार सुबह पुलिस के हाथ एक टूटा हुआ कीपैड वाला मोबाइल बरामद हुआ। वहीं दूसरी तरफ संजीत हत्याकांड के मास्टरमाइंड रामजी के घर के पास झाड़ियों में एक टूटा हुआ स्मार्ट फोन मिला है।
एसपी साउथ दीपक भूकर ने बताया कि पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने जिन जिन जगहों के बारे में जानकारी दी थी, वहां वहां पर कल देर शाम पुलिस की टीम ने सर्च ऑपरेशन चलाया था। इस सर्च ऑपरेशन में दो मोबाइल फोन बरामद हुए हैं। दोनों मोबाइल व सिम फॉरेंसिक जांच के लिए भेजे गए हैं। हत्या में इस्तेमाल की गई सभी चीजें जल्द से जल्द बरामद कर ली जाएगी।
लैब टेक्नीशियन संजीत यादव का 22 जून को अपहरण हुआ था। 29 जून को उसके परिवारवालों के पास फिरौती के लिए फोन आया। 30 लाख रुपए फिरौती मांगी गई थी। परिवारवालों ने पुलिस की मौजूदगी में 30 लाख की फिरौती दी थी। लेकिन न तो पुलिस अपहरणकर्ताओं को पकड़ पाई, न संजीत यादव को बरामद कर सकी।