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सुल्तानपुर में भूख से मर रहे मजदूर, घोटाले में व्यस्त ग्राम प्रधान..

उत्तर प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन की तमाम शिकायतों के बावजूद मनरेगा योजना का प्रवासी श्रमिकों को लाभ नहीं मिल रहा है। ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन के निर्माण हो या नाली खड़ंजा। जेसीबी से विकास कार्य कराए जा रहे हैं। प्रवासी मजदूर 2 जून की रोटी के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं।

यह मामला सुल्तानपुर जिले के धनपतगंज ब्लॉक के गरथौली ग्राम पंचायत से जुड़ा हुआ है। जहां पर 2 दर्जन से अधिक प्रवासी श्रमिक दिल्ली हरियाणा मुंबई और पंजाब से लौट आए हैं। लेकिन इन्हें ग्राम पंचायत और स्थानीय सेक्रेटरी के तरफ से अभी तक कोई रोजगार देने की व्यवस्था नहीं की जा सकी है। श्रमिकों का कहना है कि उन्हें बीडीसी और प्रधान की तरफ से किसी भी योजना का लाभ नहीं दिलाया गया है। वही सेक्रेटरी की तरफ से भी कोई पहल नहीं की गई वही खंड विकास अधिकारी और पंचायत अधिकारी भी इस पर अपनी आंखें बंद किए हुए हैं। ग्रामीण संतोष कुमार कहते हैं कि ग्रामीणों में प्रवासी श्रमिकों की संख्या काफी ज्यादा है। प्रधान के डर की वजह से लोग रोजगार मांगने नहीं जा पाते हैं। हजार रुपए जो सरकार की तरफ से देने की व्यवस्था की गई थी। उसका भी लाभ हमें नहीं मिल पाया है।

वही गांव के प्रधान अनूप कुमार चतुर्वेदी कहते हैं कि ग्राम पंचायत में जो लोग हमारे प्रति गंदी हैं वह दुष्प्रचार कर रहे हैं। हमारी तरफ से लोगों को काम दिया जा रहा है। प्रधानी चुनाव के मद्देनजर यह विरोधी तस्वीरें दिखाई जा रही हैं।

वही जिलाधिकारी रवीश कुमार गुप्ता कहते हैं कि मनरेगा पंचायती राज विभाग में कई योजनाएं चल रही हैं। जिसका लाभ प्रवासी श्रमिकों को दिया जा रहा है। सेवायोजन विभाग की तरफ से भी टेक्निकल शिक्षित लोगों को रोजगार देने की कार्यवाही चल रही है। बैठक के दौरान इस पर अधिक फोकस किया जाएगा। मशीनरी के बजाय श्रमिकों को कार्य में अधिक लगाए जाए, यही हमारा प्रयास है।