लखनऊ के केजीएमयू में भर्ती पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापति को धोखाधड़ी व धमकी देने के आरोप में शुक्रवार को लखनऊ पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उन्हें अभिरक्षा में लेने के बाद केजीएमयू से ही वीडियो कांफ्रेसिंग कर अदालत में पेश किया गया। जहां एसीजेएम श्रद्धा भारती ने गायत्री को 25 सितम्बर तक न्यायिक हिरासत में लेने का आदेश दिया।
गायत्री के खिलाफ रेप पीड़िता के पूर्व वकील दिनेश चन्द्र त्रिपाठी ने गाजीपुर थाने में 10 सितम्बर को धमकी और धोखाधडी का मुकदमा दर्ज कराया था। वकील दिनेश ने रेप पीड़िता को भी इसमें आरोपी बनाया है। वकील ने जो भी आरोप गायत्री व पीड़िता पर लगाये थे, पुलिस जांच में वे सही पाये गए। वकील के आरोप थे कि रेप के मुकदमे को खत्म करने के लिए पीड़िता ने दो मकान व प्लॉट लिए थे। जांच में आया कि ये मकान गायत्री के ड्राइवर की ओर से पीड़िता को दिये गए थे। ड्राइवर के पास इतनी सम्पत्ति हो नहीं सकती। इसी आधार पर ये आरोप सच पाया गया। पीड़िता ने इन दो मकानों को खरीदने के लिए दस्तावेजों में जिन चेक से भुगतान करने की बात कही गई थी, जांच में ये भुगतान भी फर्जी पाए गए। इसी तरह से अन्य आरोप भी सही मिले हैं। पुलिस कमिश्नर सुजीत पाण्डेय ने बताया कि वकील के आरोप प्रथम दृष्टया सही पाए गए हैं। इसी आधार पर ही ये गिरफ्तारी हुई है।
रेप मामले में गायत्री को हाईकोर्ट ने कुछ दिन पहले जमानत दे दी थी। पर, इस मामले में अभी उनकी रिहाई नहीं हुई थी। वह जमानत मिलने से पहले से ही केजीएमयू में भर्ती था। यहां उनका इलाज चल रहा है। रिहाई न होने की वजह से वह अभी न्यायिक हिरासत में ही थे।