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मैं कुशल से हूं, जानिए इस शब्द का क्या है अर्थ

आपने पत्र तो कभी न कभी जरूर लिखा होगा? शुरुआत में क्या लिखते हैं? मैं कुशल से हूं, और आपकी कुशलता की कामना है! संस्कृत में लिखते हैं “अत्र कुशलम! तत्र अपि अस्तु! अर्थात यहां सब कुशल है, और वहां की कुशलता की कामना है। कभी आपने विचार किया कि कुशल, कुशलता जैसे शब्दों का क्या अर्थ है? कभी नहीं किया ना? बस बड़ों से जो सीखा, उनसे एक टेंपलेट लिया और उसी को आधार बनाकर पत्र लिखते रहें!

अगर मैं कहूं कि ये शब्द “कुश” से बने हैं तो आप हंसने लगेंगे! आप कहेंगे कि कुश तो एक जंगली घास होती है, इसे जानवर तक नहीं खाते, तो भला इस घास का कुशल और कुशलता से क्या लेना देना है? लेना देना है! इन शब्दों का कुश शब्द से जबरदस्त रिश्ता है। वैदिक संस्कृति में कोई भी धार्मिक कार्य कुश के बिना संपन्न नहीं होता। आप के पुजारी या पुरोहित जो भी आएंगे, सबसे पहले उन्हें कुश ही चाहिए। उसकी एक अंगूठी या एक छल्ला बनाकर आप की तर्जनी अंगुली में पहनाएंगे उसके पश्चात ही कोई धार्मिक कार्य शुरू होता है।

आप फिर कहेंगे कि वह तो ठीक है मगर कुश का कुशलता से क्या लेना देना है? तो इसका उत्तर यह है कि कुश आम आबादी से दूर, निर्जन स्थानों पर अथवा जंगलों में होता था तथा उसके बिना कोई धार्मिक कार्य संपन्न नहीं होता था। तो कुश लाने के लिए किसी स्वस्थ, सबल और निडर व्यक्ति को ही भेजा जाता था, क्योंकि आम आबादी से दूर निर्जन में सांप बिच्छू से लेकर खूंखार जंगली जानवरों तक का भय रहता था। इसके अलावा कुश बड़ी ही सख्त घास होती है। अगर सावधानी न बरती जाए तो यह आपके हाथ और पैर में चुभकर उसे लहूलुहान कर देती है।

तो कुशल शब्द का अर्थ होता है कुश लाने में सक्षम एवं समर्थ। जब आप लिखते हैं या कहते हैं कि मैं कुशल से हूं, तो इसका अर्थ है कि आप स्वस्थ हैं, निरोग हैं, निडर हैं तथा किसी भी साहसिक कार्य में भाग लेने के सर्वथा उपयुक्त हैं।

जब कुश लाने का काम आपने कई बार कर लिया, तो आप में कुशलता आ जाती है, कौशल आ जाता है, अर्थात उस कार्य को बड़ी आसानी से, बड़ी सहजता से कर सकते हैं, क्योंकि आपको वह कार्य करने का अनुभव हो गया है।

आज कौशल शब्द बहुत प्रचलित है। इसका जन्म भी कुश से हुआ है। समय के साथ कुशल शब्द का अर्थ विस्तार हुआ और यदि आप कोई भी काम करने में दक्ष हैं, तो इसका अर्थ है आपने वह कार्य करने का कौशल है।

आज मेरी धर्मपत्नी ने किसी धार्मिक कार्य के लिए कुश की मांग की। आसपास के सारे जनरल स्टोर पर घूम आया। किसी के पास कुश नहीं मिला। फिर कुश की तलाश में मैं अपनी कॉलोनी से दूर, “बहरी अलंग” चला गया और अपने बचपन के ग्रामीण कौशल से कुशलतापूर्वक कुश ले आया। अब इस फोटो में देखकर आप अपने कौशल का परिचय दें कि इनमें से कौन सा कुश है और कौन सा नहीं! आपका कौशल परीक्षण शुरू होता है अब .