ऐसी पार्टी जो हिंदुओं के नाम पर सियासत करके सत्ता के केंद्र में बैठी है। पिछली सरकारों पर हिंदुओं के उत्पीड़न का आरोप लगाती हो। अल्पसंख्यकों का मुखर होकर विरोध करती हो। वह हिंदू नेताओं को किनारे कर कुछ एक नए मुस्लिम नेता को राज्यसभा सदस्य बना दे तो सवाल उठता है कि क्यों? जफर इस्लाम भारत की राजनीति का सबसे बड़ा मुद्दा बन चुके है क्योंकि एक राज्यसभा सीट से भाजपा की लालची महत्वकांक्षा झलकती है। अमर सिंह की मौत के बाद खाली उत्तर प्रदेश की राज्यसभा सीट से भाजपा ने जफर इस्लाम को अपना टिकट दिया और निर्विरोध सांसद बनाया।
राजनीतिक पंडित अपनी विचारधारा के अनुसार तरह-तरह की धारणाएं गढ़ रहे है। कोई भाजपा का मास्टर प्लॉन बता रहा है। तो कोई इसे भाजपा का गलत फैसला बता रहा है।
जब एनटीटीवी भारत ने विश्लेषण किया तो एक बात जो सामने आई उसमें ‘पैसा और प्रोफेशन फैक्टर’ सबसे अहम माना जा रहा है। जफर इस्लाम और उनकी पत्नी के पास करीब 76 करोड़ 63 लाख की चल-अचल सम्पत्ति है। इसमें करीब 33 करोड़ की आवासीय व व्यवसायिक सम्पत्ति भी शामिल है। उनके तीन बच्चों में एक के पास 50 लाख से ज्यादा सम्पत्ति है। भारत के आर्थिक जानकारों का हमेशा मानना रहा है कि संपत्ति दिखाने में हमेशा खेल होता है। जिसका प्रतिशत 10 से लेकर 100 तक भी चला जाता है। मतलब साफ है कि जफर इस्लाम धनपशु है जिनके पास पैसे की कमी नहीं है। अब सांसद बनने में पैसे का इस्तेमाल हुआ है या नहीं हुआ है। हुआ भी है तो कैसे हुआ है। ये ऐसा सवाल है जिसका जवाब या जफर इस्लाम के पास है या फिर भाजपा आलाकमान के पास।
विश्लेषण में दूरा फैक्टर जफर इस्लाम के इतिहास से जुड़ा है। जफर एक विदेशी बैंक में बैंकर रह चुके है जिससे कि यह साबित होता है कि वह पैसों का खेल जानते है। और हो सकता है कि उन्होंने पैसे का खेल इस बार सत्तधारी पार्टी या उनके आलाकमान नेताओं के लिए खेला हो जिसका इनाम उन्हें राज्यसभा सांसद के रूप में मिला।
तीसरा फैक्टर ज्योतिरादित्य सिंधिया को कांग्रेस से खींच कर भाजपा में लाना और एमपी में कमल खिला देने का श्रेय भी जफर इस्लाम को मिलता है। जिससे कि भाजपा के शीर्ष नेता उन पर बेहद खुश है।
क्या भाजपा ने अपनी रणनीति बदल दी है या किसी मजबूरी में ये कदम उठाया है इसका सच आने वाले समय में पता चलेगा।
फिलहाल जफर इस्लाम से पहले मुख्तार अब्बास नकवी (लोकसभा-राज्यसभा), शहनवाज हुसैन (लोकसभा), सिकंदर बख्त (राज्यसभा), आरिफ बेग (लोकसभा), एमजे अकबर (राज्यसभा) और नजमा हेपतुल्ला (राज्यसभा) भाजपा के मुस्लिम सांसद रह चुके हैं।