अगले साल लोकसभा चुनाव 2024 होने वाले है, जिसके लिए सभी राजनीतिक पार्टियां ने अपनी अपनी तैयारियां भी शुरू कर दी है। लेकिन अब इसी बीच राजनीति की दुनिया से एक बड़ी खबर सामने आ रही है जिसकी चर्चा चारों तरफ है। बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी के कई नेताओं ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया है। हालांकि बीजेपी से कांग्रेस में शामिल होने वाले नेताओं को मुश्किलों का भी सामना करना पड़ रहा है। क्योंकि जिस कांग्रेस में घर वापसी करने वाले थे वहां उनकी ज्वाइनिंग को लेकर समस्या आ रही है। इन नेताओं ने कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणु गोपाल के जरिए घर वापसी की राह तो बना ली, लेकिन अब पंजाब में ही इनका विरोध होना शुरू हो गया है।
मामला इतना ज्यादा तूल पकड़ गया कि अब नेताओं की ज्वाइनिंग को लेकर कांग्रेस को बैठक बुलानी पड़ गई है। इसकी वजह से अब तक नेताओं की ज्वाइनिंग की तारीख तय नहीं हुई है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, पूर्व मंत्री राजकुमार वेरका, पूर्व कैबिनेट मंत्री बलबीर सिद्धू, जीत मोहिंदर सिद्धू, गुरप्रीत कांगड़ वो नेता जिन्होंने शुक्रवार को कांग्रेस में घर वापसी की घोषणा की थी। पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा तो शुरूआत से ही कांग्रेस छोड़कर गए नेताओं को वापिस लेने के खिलाफ नजर आए है। सिर्फ इतना ही नहीं वो कई मंचों से आवाज उठा चुके है कि, जो नेता संकट के समय पार्टी को छोड़कर गए उन्हें वापस नहीं लेना चाहिए।
वहीं अकाली दल छोड़कर कांग्रेस ज्वाइन करने वाले जीत मोहिंदर सिद्ध का बठिंडा देहाती के जिला प्रधान खुशबाज जटाना विरोध कर रहे है। हंस राज जोशन और डा. महिंदर रिणवा का फाजिल्का के जिला प्रधान दविंदर घुबाया विरोध कर रहे है।
पूर्व मंत्री राजकुमार वेरका, पूर्व कैबिनेट मंत्री बलबीर सिद्धू, जीत मोहिंदर सिद्धू, गुरप्रीत कांगड़ की दिल्ली में कांग्रेस ज्वाइनिंग की भूमिका तय हो गई थी। लेकिन पंजाब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग के स्टैंड लेने की वजह से ज्वाइनिंग रुक गई थी। जिसके बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणु गोपाल ने इन नेताओं को पंजाब में ज्वाइनिंग करने के निर्देश दिए। पंजाब कांग्रेस का एक ऐसा वर्ग है जो ऐसे नेताओं का लगातार विरोध करता आया है जो मौका पड़ने पर पार्टी छोड़कर चले जाते है और फिर कांग्रेस में वापसी करते है।