दलित पॉलिटिक्स की मास्टरमाइंड मायावती सत्ता में आने के लिए कभी नारा लाती है तिलक, तराजू औऱ तलवार इनको मारो जूते चार। तो कभी कहती है कि ब्राहम्ण जोर लगाएगा हाथी बढ़ता जाएगा। कब किस समय, किन-किन जातियों का समीकरण जोड़ कर सत्ता की चाभी पानी है उसमें मायावती मास्टर है। 2022 में जीत के लिए मायावती दलित, ब्राहम्ण और मुस्लिमों का गठजोड़ करना चाहती है। जिसके लिए वह मुखर होकर बोलती है। कुछ दिन पहले ब्राहम्णों पर हो रहे अत्याचार पर सवाल उठाया तो अब मुस्लिमों के उत्पीड़न का मुद्दा उठा रही है। जानकारों का मानना है कि मायावती का 2022 के लिए नया नारा होगा “दलित-ब्राहम्ण-मुसलमान..बसपा की है तीनों जान”
बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने पूर्व की सपा सरकार के साथ ही यूपी सरकार को घेरते हुए उनपर जोरदार हमला बोला हैं. उन्होंने कहा, ‘सपा सरकार में जैसे ब्राह्मणों व दलितों का चुन-चुन कर उत्पीड़न किया गया था तो अब वैसे ही वर्तमान बीजेपी सरकार में भी इनके साथ-साथ मुसलमानों का भी काफी उत्पीड़न किया जा रहा है. इनको जबरन गलत मामलों में फंसाया जा रहा है, जो अति दुःखद.’
मायावती ने सपा पर हमला बोलते हुए कहा , ‘साथ ही, जिस प्रकार से सपा सरकार में दलितों के मसीहा बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर व इनके महान् सन्तों और गुरुओं की मूर्ती तोड़ी गई और उनके नाम पर रखे गये जिलों व संस्थानों आदि के नाम भी काफी बदल दिये गए.’
ठीक उसी प्रकार से अब वर्तमान बीजेपी सरकार भी चल रही है. अब तो उनके मसीहा बाबा साहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर की भी मूर्ती तोड़ी जा रही है, जिसकी पहले वाराणसी की व अब जौनपुर की घटना अति-निन्दनीय. सरकार इस मामले में उचित कदम उठाए. बीएसपी की यह मांग.’
गौरतलब है कि 22 अगस्त को किए गए ट्वीट में मायावती ने योगी सरकार पर तंज कसते हुए कहा था कि ब्राहम्ण पर अत्याचार हो रहा है और वह लोग बसपा की में आ रहे है. मायावती ने भगवान परशुराम की भव्य मूर्ति और उनके नाम पर अस्पताल बनवाने का भी ऐलान किया था.