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कृषि संबंधी विधेयक बिल से क्या किसानों की दुश्मन बनी मोदी सरकार ?

कृषि संबंधी विधेयक लोकसभा से पास होने के बाद अब मोदी सरकार किसानों की दुश्मन बन चुकी है… ऐसे हम नहीं बल्कि केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल के इस्तीफे से साबित हो रहा है… विपक्षी दलों और किसानों के साथ-साथ अब तो मोदी के नेतृत्व वाले एनडीए के सहयोगी दल भी कृषि विधेयक के खिलाफ आवाज ही बुलंद नहीं कर रहे बल्कि साथ भी छोड़ रहे हैं…

केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने गुरुवार को मोदी कैबिनेट से कृषि संबंधी विधेयकों का विरोध करते हुए इस्तीफा दे दिया है और इसे किसान विरोधी बताया है… हरसिमरत कौर बादल ने कहा,’मैंने किसान विरोधी कृषि अध्यादेशों और कानून के विरोध में केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है… मैं उस सरकार का हिस्सा नहीं रहना चाहती जो किसानों की आशंकाओं को दूर किए बिना कृषि क्षेत्र से जुड़े विधेयक लेकर आई…

हरसिमरत कौर के इस्तीफे पर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट किया है… उन्होने कहा कि अकाली दल को प्रतीकात्मक दिखावे से आगे बढ़ सच के साथ खड़े होना चाहिए… जब किसान विरोधी अध्यादेश मंत्रीमंडल में पारित हुए तो हरसिमरत जी ने विरोध क्यों नही किया? आप लोकसभा से इस्तीफा क्यों नही देते? अकाली दल मोदी सरकार से समर्थन वापिस क्यों नही लेता? प्रपंच नही, किसान पक्ष लें’…

वही बादल ने बताया कि इस बिल से 20 लाख से ज्यादा किसानों पर असर पड़ेगा… 3 लाख से ज्यादा मंडी मजदूरों पर असर पड़ेगा… साथ ही 20 लाख खेती मजदूरों पर इस बिल का असर पड़ने वाला है…

अकाली ने भी बताया किसान विरोधी बिल

लोकसभा में ये विधेयक पारित होने के बाद शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने गठबंधन के सवाल पर कहा कि हम किसानों के साथ खड़े हैं… और उनके लिए कुछ भी करेंगे… अकाली दल के केंद्र सरकार से समर्थन वापस लेने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी का अलग कदम क्या होगा.. ये हम पार्टी की बैठक के बाद जल्द ही बताएंगे… इससे पहले लोकसभा में उन्होंने कहा था कि कृषि संबंधी तीन विधेयकों से पंजाब के 20 लाख हमारे किसान प्रभावित होने जा रहे हैं… 30 हजार आढ़तियों, 3 लाख मंडी मजदूरों, 20 लाख खेत मजदूरों पर भी असर पड़ेगा…