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गोरखपुर में गैंगवार, सरेआम बह रही खून की नदी..

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में पहले कभी दोस्त रहे युवकों ने अब खुद का अलग-अलग गैंग बना लिया। एक गैंग का नेतृत्व शुभम सिंह उर्फ सिंघाड़ा करता है तो दूसरे गोल में जितेन्द्र यादव शामिल है। दोनों गोल में 15 से ज्यादा युवक हैं। इनमें इंजीनियरिंग और सीए की पढ़ाई कर रहे छात्र भी शामिल हैं। पढ़ाई-लिखाई छोड़कर मनबढ़ई में रुचि ले रहे इन युवकों के बीच वर्चस्व को लेकर पिछले कई दिनों से लड़ाई चल रही थी।

दरअसल सोमवार को यही लड़ाई सड़कों पर इस कदर आई की ढाई किमी तक गोलियों की तड़तड़ाहट से गोरखपुर ही नहीं लखनऊ में भी तपिश महसूस की गई। गोली में घायल जितेन्द्र यादव का इलाज चल रहा है। इस बीच दोनों पक्षों के दो दर्जन से अधिक लोगों से पूछताछ के बाद पुलिस के सामने करीब-करीब पूरी कहानी आ गई है। गैंग बनाकर गुंडागर्दी कर रहे युवकों में कुछ सीए और इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी कर रहे युवकों के मां-बाप भी इनकी मनबढ़ई से एक दम बेखबर थे। इनमें एक-दो का छोड़ दें तो अभी तक ज्यादातर का कोई अपराधिक रिकार्ड सामने नहीं आया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक कुशीनगर में तैनात दरोगा का बेटा भी एक गोल में शामिल है। यह पूरा गोल इंजीनियरिंग कालेज से लेकर आवास विकास कालोनी सिंघड़िया तक सक्रिय है। यहीं के सभी लड़के रहने वाले भी हैं। युवकों में पहले आपस में अच्छी दोस्ती थी। इनके परिवारीजनों के बीच भी अच्छे सम्पर्क हैं लेकिन समय के साथ इनके बीच विभाजन हुआ और दो गुट तैयार हो गया। दोनों गुट एक दूसरे पर अपना वर्चस्व दिखाने के लिए लड़ाई करने लगा। छोटी-मोटी मारपीट की घटनाएं तो कई दिनों से चल रही थी। इनके बीच सोमवार को पहले इंजीनियरिंग कालेज के पास स्थित एक हुक्का बार में विवाद हुआ था। हालांकि उससे दो दिन पहले पैडलेगंज स्थित हुक्का बार में विवाद हुआ था। सूत्रों के मुताबिक यह मामला थाने तक पहुंचा था लेकिन बाद में सुलह समझौता हो गया था।

मोहद्दीपुर में हुई फायिरंग की वजह अभी आपसी वर्चस्व ही निकल कर आ रही है, इनमें ज्यादातर युवक अच्छे घरों के हैं, सीए और इंजीनियरिंग तक की पढ़ाई भी कर रहे हैं। एक दो की ही क्राइम हिस्ट्री सामने आई है। सभी पहलुओं की जांच कर कार्रवाई की जा रही है। कुछ नामजद युवकों को पकड़ लिया गया है अन्य की तलाश जारी है।
जोगेन्द्र कुमार, एसएसपी