पितृपक्ष समाप्त होने के साथ ही शारदीय नवरात्रि शुरू हो जाते हैं। हालांकि इस साल ऐसा नहीं हुआ है। 17 सितंबर को श्राद्ध अमावस्या के बाद पितृपक्ष समाप्त हो चुके हैं। लेकिन हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार शारदीय नवरात्रि अगले महीने 17 अक्टूबर से शुरू होंगे। इस वजह से माता के भक्तों को माता की अगवानी के लिए पूरे एक महीने का इंजार करना होगा।
दरअसल ज्योतिषविदों के मुताबिक, श्राद्ध के बाद अधिकमास के कारण इस बार नवरात्रि एक महीने देर से शुरू हो रहे हैं। अधिकमास की वजह से ना सिर्फ नवरात्रि, बल्कि दशहरा और दीपावली भी देरी से शुरू होंगे। 25 नवंबर को देवउठनी एकादशी होगी। जिसके साथ ही चातुर्मास समाप्त होंगे। इसके बाद ही विवाह, मुंडन आदि मंगल कार्य शुरू होंगे।
2020 शारदीय नवरात्र पर माता का वाहन
शनिवार और मंगलवार को आश्विन शुक्ल प्रतिपदा यानी कलश स्थापना हो तब माता अश्व यानी घोड़े पर सवार होकर आती हैं। गुरुवार या शुक्रवार को नवरात्र का आरंभ हो रहा हो तब माता डोली पर आती हैं। बुधवार के दिन नवरात्र पूजा आरंभ होने पर माता नाव पर आरुढ़ होकर आती हैं।
शारदीय नवरात्रि का कार्यक्रम
17 अक्टूबर- मां शैलपुत्री पूजा घटस्थापना
18 अक्टूबर- मां ब्रह्मचारिणी पूजा
19 अक्टूबर- मां चंद्रघंटा पूजा
20 अक्टूबर- मां कुष्मांडा पूजा
21 अक्टूबर- मां स्कंदमाता पूजा
22 अक्टूबर- षष्ठी मां कात्यायनी पूजा
23 अक्टूबर- मां कालरात्रि पूजा
24 अक्टूबर- मां महागौरी दुर्गा पूजा
25 अक्टूबर- मां सिद्धिदात्री पूजा