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यूपी से उठी आवाज, सिखों की हत्या करने वालों को नहीं छोड़ने देंगे देश

रिपोर्ट- दीपक दीक्षित

अखिल भारतीय दंगा पीड़ित राहत कमेटी द्वारा 1984 में हुए सिखों की निर्मम हत्या को लेकर 6 सूत्री मांगों को लेकर प्रेस कांफ्रेंस की। जिसमें यह मांग की गई थी कि दंगे का कोई भी दोषी जिसकी विवेचना में नाम है वह आरोपी देश छोड़कर ना जा सके।

7 मामलों में संस्था पीड़ितों की गवाही कराई है और उन अपराधियों की गिरफ्तारी जल्द से जल्द हो। कई दंगा पीड़ित जो दंगों के बाद शहर छोड़कर दूसरे राज्यों में जाकर बस गए हैं और बुजुर्ग हैं वह यहां नहीं आ सकते तो उनकी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में बयान कराया जाए।

जिन पीड़ित परिवारों के बयान दर्ज हो रहे हैं उनकी सुरक्षा का इंतजाम कराया जाए। राष्ट्रीय स्तर के समाचार पत्रों पर एसआईटी के गठन के बारे में और गवाहों को प्रेरित किया जाए।
एसआईटी 1984 की जांच के लिए दिया गया। सुप्रीम कोर्ट के द्वारा समय 3 नवंबर से 16 नवंबर है इसके लिए ताकि अपनी कार्य पद्धति की सफलता को छोड़कर अपने कर्तव्य का निर्वहन करें।