उत्तर प्रदेश के वाराणसी में अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष राकेश जैन को सीएम योगी से बातचीत का ऑडियो रिकॉर्ड करना और फिर उसे वायरल करना भारी पड़ा है। डीएम कौशल राज शर्मा ने व्यापारी को नोटिस जारी कर दिया है। तीन दिन के भीतर संतोषजनक जवाब न देने पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। राकेश जैन के समर्थन में व्यापार मंडल खुलकर सामने आ गया है। जानकर बताते हैं कि शासन की नीतियों की गोपनीयता होती है। उसको ऐसे उजागर करना ठीक नहीं है। अपने पक्ष को जबाब देकर स्पष्ट करना चाहिए कि आखिर क्यों ऐसा किया गया?
राकेश जैन ने बीते शनिवार को सीएम योगी आदित्यनाथ से बात की थी। कोविड महामारी को लेकर बनारस के प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों और उनके परिजन से की जाने वाली लूट और डॉक्टरों के द्वारा मनमाना पैसे की मांग को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अवगत कराया गया। मुख्यमंत्री ने फोन पर सभी समस्याओं को सुनने के बाद जल्द ही निस्तारण करने का भरोसा दिया। सीएम ने कहा था कि, एक दिन मैं खुद आऊंगा।
डीएम ने व्यापारी को नोटिस जारी करते हुए कहा कि, मुख्यमंत्री से फोन पर वार्ता की गई। इस दौरान बिना पूर्व अनुमति लिए वार्तालाप को टेप किया गया। जिसे सोशल मीडिया पर वायरल किया गया। बिना अनुमति सोशल मीडिया पर वायरल कर संवैधानिक पद की प्रतिष्ठा को प्रभावित कर वार्तालाप की गोपनीयता भंग की गई। इस कार्य के लिए तीन दिन के भीतर स्पष्टीकरण दिया जाए। यदि संतोषजनक जवाब नहीं दिया जाता है तो वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
राकेश जैन का कहना है कि मुख्यमंत्री को कोरोना के हॉस्पिटल द्वारा की जा रही लूट से अवगत कराया। बनारस के व्यापार जगत में दुकानों के समय को लेकर निराशा थी। मुख्यमंत्री ने फोन पर ही सब कुछ ठीक करने का आश्वासन दिया। मैंने जनता और मुख्यमंत्री के बीच सेतु का कार्य किया है। मैंने किसी का विरोध नहीं किया है। मेरा मानना है कि कोई भी कार्रवाई बदले की भावना से नहीं होनी चाहिए।