भारतीय रेलवे के इतिहास में शायद ही इससे पहले ऐसा मौका आया हो, जब सिर्फ एक यात्री के लिए रेलवे को राजधानी एक्सप्रेस चलानी पड़ी हो। दरअसल, झारखंड में तीन दिन से टाना भगत आंदोलन कर रहे हैं, इस कारण कई ट्रेनें बीच रास्ते में ही फंसी है। रेलवे यात्रियों को बसों से उनकेे गंतव्य तक भेज रहा है, ऐसे में डाल्टरगंज में फंसी एक छात्रा जिद पर अड़ गई कि वह बस से नहीं जाएगी। इसके बाद रेलवे ने उसके लिए राजधानी एक्सप्रेस चलवाई और उसे दूसरे रूट से घर भेजा।
जानकारी के मुताबिक बीएचयू में पढ़ने वाली एक छात्रा अपने घर आने के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेलवे स्टेशन से रांची के लिए नई दिल्ली-रांची स्पेशल राजधानी एक्सप्रेस में बैठी। ट्रेन टाना भगतों के रेलवे ट्रैक पर चल रहे आंदोलन के कारण डालटनगंज में ट्रेन रोक दी गई। कई घंटे बीत जाने के बाद भी जब आंदोलन नहीं खत्म हुआ तो रेलवे ने फैसला लिया कि वह यात्रियों को बस से भेजेगा। सभी यात्रियों के लिए बस मंगवाई गई और उन्हें इससे रवाना किया गया। लेकिन छात्रा ने बस से जाने से मना कर दिया। उसका कहना था कि जब उसने ट्रेन का टिकट लिया है तो वह बस से नहीं जाएगी। रेलवे अधिकारियों ने छात्रा काे काफी देर तक समझाया। इसके बाद भी जब वह नहीं मानी तो उसकी बात रेलवे मुख्यालय तक पहुंचाई गई। रेलवे अधिकारियों ने छात्रा को कार से रांची भेजने का प्रस्ताव रखा लेकिन वह तैयार नहीं हुई। वह जिद पर अड़ी रही कि राजधानी एक्सप्रेस से ही रांची जाएगी। काफी देर बाद तय हुआ कि छात्रा को राजधानी एक्सप्रेस से रांची भेजें।
ट्रेन को डालटनगंज से सीधे रांची आना था। डालटनगंज से रांची की दूरी 308 किलोमीटर है। मगर, ट्रेन को गया से गोमो व बोकारो होकर रांची रवाना करना पड़ा। इस तरह ट्रेन को 535 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ी। छात्रा की सुरक्षा के लिए आरपीएफ की कई महिला सिपाही तैनात की गई थीं।