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कंगना और अर्नब पर शिवसेना का हमला, कहा- सुपारीबाज कलाकार का समर्थन करना भी ‘हरामखोरी’

सुशांत सिंह राजपूत की मौत के इंसाफ की आवाज उठाने वाली कंगना और पत्रकार अर्नब गोस्वामी पर शिवसेना पार्टी ने निशाना साधा है। शिवसेना ने पार्टी के मुखपत्र सामनाकी संपादकीय में दोनों के खिलाफ दो विधायकों ने एक दिन पहले विधानसभा में विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव भी लाया था। सामना में फिर एक बार आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल करते हुए शिवसेना ने लिखा है कि राजनीतिक एजेंडे को सामने लाने के लिए देशद्रोही पत्रकार और सुपारी बाज कलाकारों के राजद्रोह का समर्थन करना भी हरामखोरीही है।

साथ ही सामना में यह भी लिखा गया है कि हिंदुत्व और संस्कृत का धर्म और 106 शहीदों के त्याग का अपमान किया गया। तथा ऐसा अपमान करके छत्रपति शिवराज के महाराष्ट्र पर नशे की पिचकारी फेंकने वाले व्यक्ति को केंद्र सरकार विशेष सुरक्षा की पालकी का सम्मान दे रही है।

मुखपत्र सामना में कंगना के मुंबई की तुलना पाक अधिकृत कश्मीर वाले बयान पर कहा गया है… लिखा गया है कि मुंबई किसकी? यह सवाल ही कोई ना पूछे। मुंबई महाराष्ट्र की राजधानी है ही, लेकिन देश का सबसे बड़ा आर्थिक लेन-देन का केंद्र भी है। इस मुंबई में 106 मराठी लोगों ने बलिदान दिया है। इसलिए मुंबई महाराष्ट्र की ही है। मुंबई में ईमान से रहने वाले सब लोगों की है क्योंकि यह हिंदुस्तान की है।

सामना में कंगना को Y श्रेणी की सुरक्षा पर दिए जाने पर भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा गया है। लिखा है, ‘महाराष्ट्र की 11 करोड़ मराठी जनता और मुंबई का अपमान मतलब देशद्रोह जैसा अपराध प्रतीत होता है। लेकिन जब ऐसा अपराध करनेवाले लोगों के साथ राष्ट्रभक्त मोदी सरकार का गृह मंत्रालय सुरक्षा कवच देकर खड़ा होता है, तब हमारे 106 शहीद स्वर्ग में आंसू बहा रहे होंगे।

यही नहीं कंगना विवाद के बहाने शिवसेना ने चीन से जारी सीमा विवाद को लेकर भी शिवसेना ने मोदी सरकार को घेरने की कोशिश की है। शिवसेना ने लिखा, ‘आज जिस प्रकार से सारे भाजपा वाले महाराष्ट्र द्रोहियों के साथ खड़े हैं, उसी विश्वास से हमारी सीमा में घुसे चीनी बंदरों के बारे में हिम्मत दिखाई होती तो लद्दाख और अरुणाचल की सीमा पर देश की बेइज्जती ना होती।