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पोस्टमार्टम के बाद हुआ खुलासा, इस तरह हुई थी विधायक की मौत

यूपी की लखीमपुर खीरी जिले में निघासन विधानसभा सीट से तीन बार के विधायक रहे निरवेंद्र मिश्रा मुन्ना (79) की मौत के मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट से स्थिति साफ हो गई। विवाद के दौरान हार्ट अटैक से उनकी मौत हुई थी। इससे पहले परिजनों ने पीट-पीटकर हत्या करने का आरोप लगाया था। हालांकि परिवाल वालाें पांच लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया है। दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। सीओ पलिया को हटा दिया गया है।

शव का पोस्टमार्टम डॉक्टरों के पैनल से कराया गया। डीएम शैलेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि देर रात पूर्व विधायक के शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिल गई। जिसमें उनकी मौत का कारण हार्टअटैक आया है। उनके शरीर पर कोई चोट के निशान नहीं है।

पूर्व विधायक की मौत में सीओ पलिया की भूमिका की जांच करने के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है। कमेटी की अगुवाई एएसपी अरुण कुमार सिंह करेंगे। इसमें सीओ सिधौली और सीतापुर के क्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर को रखा गया है। कमेटी ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है। एसपी ने बताया कि तीन दिन के अंदर कमेटी अपनी जांच रिपोर्ट सौंपेगी। उसी के आधार पर जितने भी पुलिसकर्मी और अधिकारी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

निघासन सीट से दो बार निर्दलीय व सपा से एक बार विधायक रहे निरवेंद्र मिश्रा मुन्ना पढ़ुआ गांव में रहते थे। बेटे संजीव ने बताया कि उनकी जमीन पर रविवार को पलिया के कुछ लोग कब्जा कर रहे थे। उनके पिता उनसे बात करने पहुंचे तो कब्जेदारों ने हमला कर दिया, जिससे वह जमीन पर गिर गए। उनको तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। संजीव मिश्रा ने यह भी बताया कि दो हमलावरों को गांव वालों ने दबोच लिया था। इस बीच पलिया सीओ कुलदीप कुकरेती उनके आवास पर आ गए और परिजनों से मारपीट कर आरोपियों को छुड़ा ले गए।

पूर्व विधायक की मौत की सूचना मिलते ही कई गांव के लोग वहां आ पहुंचे और हंगामा शुरू हो गया। परिजनों ने सीओ के खिलाफ भी तहरीर दी है। आक्रोशित गांव वालों को समझाने डीएम शैलेंद्र सिंह व एसपी सत्येंद्र कुमार गांव पहुंचे और कार्रवाई का आश्वासन दिया तो परिजन माने। शाम को आईजी लक्ष्मी सिंह भी गांव पहुंचीं। उन्होंने सीओ कुलदीप कुकरेती को सर्किल से हटाने का आदेश दिया। पुलिस ने परिजनों की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया है। मुकदमे में राधेश्याम गुप्ता, उनके बेटे अनुराग गुप्ता, किशन गुप्ता पुत्र रामचंद्र गुप्ता, रिंकल गुप्ता पुत्र रामचंद्र, समीर गुप्ता पुत्र गुप्ता निवासी पलिया को नामजद किया गया है। पुलिस ने राधेश्याम और उनके बेटे अनुराग को गिरफ्तार कर लिया है। इस घटना से सियासी उबाल भी आ गया है। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, पूर्व मुख्यमंत्री मायावती और पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने सरकार को घेरा है। शाम को आप सांसद संजय सिंह भी यहां पहुंचे।